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कैदी को टॉर्चर का मामलाः तिहाड़ जेल प्रशासन ने लगातार तीसरी बार कोर्ट में पेश नहीं की जांच रिपोर्ट

कोर्ट में तिहाड़ जेल के एक कैदी की पीठ पर ओम का टैटू बनाने के मामले में तीसरी बार भी जांच रिपोर्ट पेश नहीं की गई। अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 02:34 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 02:34 PM (IST)
कैदी को टॉर्चर का मामलाः तिहाड़ जेल प्रशासन ने लगातार तीसरी बार कोर्ट में पेश नहीं की जांच रिपोर्ट
कैदी को टॉर्चर का मामलाः तिहाड़ जेल प्रशासन ने लगातार तीसरी बार कोर्ट में पेश नहीं की जांच रिपोर्ट

नई दिल्ली, जेएनएन। कड़कड़डूमा कोर्ट में तिहाड़ जेल के एक कैदी की पीठ पर ओम का टैटू बनाने के मामले में तीसरी बार भी जांच रिपोर्ट पेश नहीं की गई। अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होगी। पीड़ित के अधिवक्ता जगमोहन ने आरोप लगाया है कि जेल अधीक्षक ने कैदी से मारपीट की और उसकी पीठ पर मेटल की किसी धातु से ओम का निशान बना दिया।

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कोर्ट में पेश पीड़ित ने बताया कि न्यायधीश के आदेश के बाद भी उन्हें जेल में कोई चिकित्सा नहीं दी जा रही है। डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाई भी उन्हें नहीं दी गई। रविवार को जब उन्हें दूसरी जेल में भेजा गया तब केवल एक इंजेक्शन उन्हें लगाया गया।

बात दें पीड़ित कैदी की ओर से वकील जगमोहन ने कड़कड़डूमा कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई है। कोर्ट ने इस संबंध में तिहाड़ जेल प्रशासन को नोटिस भी जारी किया था। इसके बाद भी डीआइजी रिपोर्ट के साथ पेश नहीं हुए। जेल से डीएस एसजीके मूर्ति कोर्ट में पेश हुए लेकिन इस मामले की जांच रिपोर्ट पेश नहीं कि गई। उन्होंने कोर्ट से दो हफ्ते का और समय मांगा लेकिन कोर्ट ने दोनों पक्षों की बात मानते हुए 30 अप्रैल की तारीख दी है।

बता दें कि न्यू सीलमपुर निवासी यह शख्स हथियार सप्लाई के मामले में न्यायिक हिरासत में है। उसे हाई रिस्क वार्ड में रखा गया था। तिहाड़ जेल में बंद एक कैदी ने कड़कड़डूमा कोर्ट में जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उसे जेल में विभिन्न तरह की यातनाएं दी जाती हैं। उसकी पीठ पर गर्म मेटल से ओम का निशाना बनाया गया है और उसे दो दिनों तक भूखा रखा गया। कैदी ने कोर्ट में कहा कि बैरक में इंडक्शन चूल्हा काम नहीं करने की शिकायत की थी।

उधर, जेल प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में है और इसकी जांच डीआइजी कर रहे हैं। कैदी को दूसरे जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। विस्तृत जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश किया जाएगा। यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब कैदी कड़कड़डूमा कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया।

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