एक लाख मेमोरी कार्ड के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार, पुलिस को दे रहा था चकमा
सीआइएसएफ सर्विलांस टीम के कांस्टेबल मुकेश शर्मा ने देखा कि कुछ देर पहले पकड़ा गया संदिग्ध अपने कपड़े और जूते बदलकर ऑफलोड (विमान यात्र रद) की प्रक्रिया के लिए काउंटर पर खड़ा है।
नई दिल्ली, जेएनएन। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) कर्मी ने आइजीआइ एयरपोर्ट पर तीन शातिर मेमोरी कार्ड तस्कर दबोच लिए गए। एक बार पकड़े जाने के बाद गलत जानकारी देकर कस्टम अधिकारियों को संतुष्ट कर दिया, लेकिन सीआइएसएफ की सर्विलांस टीम ने उनकी चालाकी पकड़ ली। उनके पास से एक लाख मेमोरी (एसडी) कार्ड मिले हैं, जिनकी कीमत करीब छह करोड़ रुपये है।
हैंडबैगेज की जांच में हुआ खुलासा
सीआइएसएफ के प्रवक्ता हेमेंद्र सिंह ने बताया कि अभिषेक तीन सितंबर की रात एयर इंडिया की फ्लाइट से हांगकांग (चीन) से आइजीआइ एयरपोर्ट पर आया था, जहां से मुंबई के लिए उसकी फ्लाइट थी। मुबंई जाने के लिए वह ट्रांसफर सिक्योरिटी होल्ड एरिया में पहुंचा। सीआइएसएफ के जवानों ने उसके हैंड बैगेज की जांच की तो अलग-अलग क्षमता वाले करीब एक लाख मेमोरी कार्ड बरामद हुए।
सीआइएसएफ कर्मी ने दिखाई सूझबूझ
आरोपित के पास कोई दस्तावेज नहीं था। इस पर उसे कस्टम के हवाले कर दिया गया। पूछताछ में अभिषेक ने कहा कि वह ट्रांजिट पैसेंजर है, लिहाजा अंतिम गंतव्य मुंबई में मेमोरी कार्ड का सीमा शुल्क जमा कर देगा। कस्टम अधिकारी झांसे में आ गए और मुंबई कस्टम को यात्री की जानकारी देकर अभिषेक को छोड़ दिया।
कपड़े बदलने के बाद नजर में अाया शख्स
कुछ देर बाद सीआइएसएफ सर्विलांस टीम के कांस्टेबल मुकेश शर्मा ने देखा कि कुछ देर पहले पकड़ा गया संदिग्ध अपने कपड़े और जूते बदलकर ऑफलोड (विमान यात्र रद) की प्रक्रिया के लिए काउंटर पर खड़ा है। उसके पास मेमोरी कार्ड वाला बैग भी नहीं था।
हो गई उसकी पहचान
जवान ने घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी। छानबीन में पता चला कि उसने बैग दो अन्य यात्रियों को सौंप दिया है। उनकी खोज शुरू की गई तो पता चला कि वे यात्रा रद कर एयरपोर्ट से बाहर निकलने की जुगत में हैं। इसके बाद मेमोरी कार्ड के साथ चेकइन एरिया से उनको दबोच लिया गया। आरोपितों की पहचान भादरेश देवचंद और सुरेश गुलाबचंद के रूप में हुई है।
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