दिल्ली में भूख से मौत का मामलाः केंद्र सरकार ने दिया जांच का आदेश
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार और महिला एवं बाल विकास मंत्रलय से चार हफ्ते में जवाब मांगा है।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। केंद्र ने पूर्वी मंडावली इलाके में हुई भूख से तीन बच्चों की मौत के मामले की जांच के आदेश दिए हैं। मंगलवार को दो, चार व आठ साल की तीन बहनें मृत मिली थीं। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने गुरुवार को यह जानकारी दी। प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण कुपोषण या भूख व उससे उत्पन्न विकारों को बताया गया है।
उधर, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार और महिला एवं बाल विकास मंत्रलय से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। इस बीच, सूत्रों ने आम आदमी पार्टी (आप) के उन दावों को खारिज कर दिया कि राज्य सरकार की प्रस्तावित घर-घर राशन पहुंचाने की योजना लागू होने से इस घटना से बचा जा सकता था। उक्त परिवार के पास राशन कार्ड ही नहीं था।
उधर, राज्यसभा में बसपा के सतीश चंद्र मिश्र ने पूछा कि क्या सरकार ने इस घटना का संज्ञान लिया है। इस पर संसदीय कार्य राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन यह देखना भी जरूरी है कि यह किन परिस्थितियों में घटित हुई और क्या वास्तव में भूख ही इसका कारण है। उधर, कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा ने घटना के लिए दिल्ली व केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
लोकसभा में गूंजा मामला
भाजपा सदस्यों ने लोकसभा में मामले को उठाते हुए घटना के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया। सांसद रमेश विधूड़ी, प्रवेश वर्मा और महेश गिरी ने दावा किया कि दिल्ली में राशन घोटाला हुआ है। विधूड़ी ने कहा कि जहां यह घटना हुई, वह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री का क्षेत्र है।