'हनी ट्रैप' के जरिये खूबसूरत लड़कियां यूं फंसाती है शिकार, पढ़ें पूरी कहानी
हनीट्रैप के लिए गिरोह ने बाकायदा एक कमरा किराये पर ले रखा था, जहां पीड़ित को बुलाकर वीडियो बनाया जाता था।
नई दिल्ली (जेएनएन)। हनी ट्रैप के जरिये लोगों से उगाही करने वाले गिरोह के तीन लोगों को जिला बाहरी वाहन चोरी निरोधक दस्ते ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों में एक महिला भी शामिल है। इनकी पहचान नांगलोई निवासी संदीप दलाल (36) व आदर्श कुमार (32) के रूप में हुई है। गिरफ्तार महिला की उम्र 22 वर्ष है।
आरोपियों के पास से पुलिस ने सोने की अंगूठी भी बरामद की है।1बाहरी जिला पुलिस के अतिरिक्त उपायुक्त पंकज कुमार सिंह ने बताया कि बाबा हरिदास नगर थाना में 28 अगस्त को बिल्डिंग मैटेरियल के कारोबारी ने पुलिस से की गई शिकायत में कहा था कि नांगलोई स्टैंड नजफगढ़ पर उसकी मुलाकात एक युवती से हुई।
उसने उसे अपने घर पर बुलाया, पर उसने इन्कार कर दिया। इसके बाद कुछ शख्स उनके घर पर आए और उन्हें जबरन अपने साथ ले गए। जिस जगह पर उन्हें ले जाया गया, वहां उसकी पिटाई की गई। जो शख्स इन्हें जबरन उठाकर ले गए, उन्होंने उससे 23 लाख रुपये की मांग की।
जब पीड़ित ने इतनी रकम देने में असमर्थता जाहिर की तो आरोपियों ने आपत्तिजनक स्थिति में इनका वीडियो बना लिया और धमकी दी कि रकम नहीं देने पर वीडियो को सोशल मीडिया पर डाल दिया जाएगा। आरोपियों ने उनका एटीएम कार्ड व अन्य जरूरी चीजें अपने पास रख लीं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एएटीएस के इंस्पेक्टर सुशील कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। टीम ने छानबीन के दौरान मिली जानकारी के आधार पर आरोपियों को दबोच लिया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे योजना बनाकर धनाढय़ व्यक्ति को अपना शिकार बनाते थे।
ऐसे बनाते थे शिकार
पुलिस के अनुसार, गिरोह पीसीओ बूथ या मोबाइल रिपेयर की दुकानों पर जाकर नंबर एकत्रित करता था। इसके बाद गिरोह की महिला सदस्य किसी भी नंबर पर फोन लगाती थी। शख्स को शक न हो, इसके लिए फोन पर महिला उसे किसी अन्य नाम से बुलाती थी।
जब शख्स कहता, वह फलां शख्स नहीं है तो वह उसे कहती थी कि आपकी आवाज तो बिल्कुल उसी शख्स से मिल रही है। इसके बाद बातचीत का सिलसिला शुरू होता। महिला शख्स को मिलने के लिए कॉफी होम या किसी रेस्टोरेंट में बुलाती थी। यहां बुलाने का मकसद उसकी हैसियत की टोह लेना होता था।
यदि वह शख्स कार में आता या उसके पास महंगे मोबाइल होते तो समझा जाता कि यह अमीर है। इसके बाद हनी ट्रैप कर उससे उगाही की जाती थी।
गिरोह ने बाकायदा एक कमरा किराये पर ले रखा था, जहां पीड़ित को बुलाकर वीडियो बना लिया जाता था। पीड़ित भी लोकलाज से कहीं कुछ कहता नहीं था। इनके निशाने पर मुख्य रूप से बैंक्वेट हॉस, फार्म हाउस व होटल मालिक होते थे।