Delhi Pollution Level: बढ़ा वायु प्रदूषण, जल्द स्मॉग में लिपटा नजर आ सकता है दिल्ली-एनसीआर
पंजाब के साथ-साथ दिल्ली से सटे हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाए जाने के मामले लगातार सामने आने की वजह से अभी इसमें सुधार की कोई गुंजाइश नहीं लग रही। दिल्ली में हल्का स्मॉग भी नजर आने लगा है।
नई दिल्ली, जेएनएन। हवा की गति मंद पड़ने और उत्तर पश्चिमी हवा के साथ धीरे-धीरे पराली का धुआं यहां आने से शुक्रवार सुबह से इसका दिखना शुरू हो गया। शुक्रवार को रोहिणी और आनंद विहार समेत कई इलाकों में वायु गुणवत्ता स्तर 200 के आसपास रहा, जो स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक नहीं है। वहीं, इससे पहले बृहस्पतिवार को दूसरे दिन भी दिल्ली-एनसीआर में एयर इंडेक्स 200 से ऊपर यानि खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। दिल्ली में हल्का स्मॉग भी नजर आने लगा है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर बुलेटिन के मुताबिक, बृहस्पतिवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 208 रहा। बुधवार को यह 215 दर्ज हुआ था। एनसीआर के शहरों में फरीदाबाद का एयर इंडेक्स 212, गाजियाबाद का 236, ग्रेटर नोएडा का 224, गुरुग्राम का 186 और नोएडा का 226 रिकॉर्ड किया गया। वहीं दूसरी ओर दिल्ली में पीएम 10 का स्तर 191 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक रहा। सफर इंडिया के मुताबिक एयर इंडेक्स फिलहाल खराब श्रेणी में ही बना रहेगा। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाए जाने के मामले लगातार सामने आने की वजह से अभी इसमें सुधार की कोई गुंजाइश नहीं लग रही।
दिल्ली के 13 हॉटस्पॉट की रात में भी होगी निगरानी
आदेश में कहा गया है कि दिल्ली सरकार को सभी 13 हॉटस्पॉट की रात में भी निगरानी करनी होगी। धूल का निराकरण करना होगा व कचरा जलाने पर नियंत्रण करना होगा। प्रदूषण नियंत्रण एजेंसी को जाड़े में निगरानी बढ़ानी होगी, ताकि कचरा जलाने या गलत ईंधन जलाने पर कार्रवाई की जा सके।
बड़ी निर्माण एजेंसियां वायु प्रदूषण की रोकथाम के नियमों का करेंगी पालन
दरअसल, 15 अक्टूबर से ग्रेप लागू होने जा रहा हैथ इस बीच आदेश जारी किया गया है कि सभी बड़ी निर्माण एजेंसियां (हाईवे एवं मेट्रो निर्माण एजेंसियां सहित) राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड या प्रदूषण नियंत्रण कमेटी को लिखित में बताएंगी कि निर्माण जारी रखने के लिए वे वायु प्रदूषण की रोकथाम के सभी नियमों का पालन करेंगी। रेड और ऑरेंज श्रेणी की औद्योगिक इकाइयां भी लिखित सूचना देंगी कि वे निर्देशित ईंधन का उपयोग करेंगी।
कचरे की प्रोसेसिंग और सड़कों की सफाई पर जोर
ईपीसीए के अध्यक्ष ने कहा कि कचरा डंप करने के विषय का राज्य सरकार को हल निकालना होगा। कचरे की प्रोसेसिंग करनी होगी, ताकि इसे जलाने की समस्या न पैदा हो। यांत्रिक विधि से दिन व रात के समय सड़कों की सफाई करनी होगी और पानी का छिड़काव करना होगा।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो