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भ्रष्टाचार की आशंका से लो फ्लोर बस की खरीद पर लगी रोक, दिल्ली के मंत्री बोले- 'भाजपा जैसे चाहे जांच करा ले'

आरोप लग रहे हैं कि सौदे के बाद टेंडर की शर्तो में बदलाव करके इन कंपनियों को बसों की आपूर्ति होने पर पहले दिन से ही इनके रखरखाव के लिए भुगतान किए जाने का प्रविधान किया गया है।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 08:37 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 08:37 AM (IST)
भ्रष्टाचार की आशंका से लो फ्लोर बस की खरीद पर लगी रोक, दिल्ली के मंत्री बोले- 'भाजपा जैसे चाहे जांच करा ले'
भ्रष्टाचार की आशंका से लो फ्लोर बस की खरीद पर रोक, मंत्री बोले- 'भाजपा जैसे चाहे जांच करा ले'

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। लो फ्लोर बस खरीद की प्रक्रिया पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। दिल्ली सरकार की तरफ से 1,000 बसों की खरीद और इनके रखरखाव के लिए जेबीएम व टाटा मोटर्स लिमिटेड के साथ अनुबंध किया गया है, लेकिन इसमें वित्तीय अनियमितता के आरोप लग रहे हैं। भ्रष्टाचार की आशंका के चलते खरीद प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। वहीं, उपराज्यपाल ने जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है। अब जांच पूरी होने के बाद ही बसों की खरीद का मामला आगे बढ़ेगा।

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दिल्ली सरकार ने जनवरी में दोनों कंपनियों से कुल 890 करोड़ रुपये में 1,000 लो फ्लोर बसें खरीदने का सौदा किया था, जिनमें 700 बसें जेबीएम ऑटो लिमिटेड से खरीदनी थीं और 300 बसें टाटा कंपनी से खरीदने के लिए अनुबंध हुआ था। बसों की आपूर्ति शुरू होती, उससे पहले ही विवाद शुरू हो गया है। आरोप लग रहे हैं कि सौदे के बाद टेंडर की शर्तो में बदलाव करके इन कंपनियों को बसों की आपूर्ति होने पर पहले दिन से ही इनके रखरखाव के लिए भुगतान किए जाने का प्रविधान किया गया है। प्रत्येक वर्ष इन कंपनियों को रखरखाव के नाम पर 350 करोड़ रुपये दिए जाएंगे, जबकि बस खरीद के टेंडर में कंपनी द्वारा तीन साल या 2.10 लाख किलोमीटर चलने तक रखरखाव करने की शर्त शामिल थी।

भाजपा विधायकों ने मार्च में दिल्ली पुलिस की अपराध निरोधक शाखा (एसीबी) से शिकायत की थी। एसीबी ने दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशक को पत्र लिखकर जांच की अनुमति मांगी थी, लेकिन अनुमति नहीं मिलने पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व रोहिणी के विधायक विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी। आरोप था कि परिवहन विभाग की आंतरिक जांच में गड़बड़ी मिलने के बावजूद एसीबी को जांच की अनुमति नहीं दी जा रही है। दैनिक जागरण ने भी इस मामले को प्रमुखता से उठाया था।

उपराज्यपाल ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीत समिति गठित कर दी है। समिति दो सप्ताह में रिपोर्ट देगी। भ्रष्टाचार की आशंका को देखते हुए परिवहन विभाग ने भी दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर अगले आदेश तक बस खरीद व रखरखाव की प्रक्रिया स्थगित करने को कहा है। पत्र में कहा गया है कि विभाग ने इस मामले की जांच की है। अब अगले आदेश के बाद ही बस खरीद को लेकर कोई कदम उठाया जाएगा।

कैलाश गहलोत ने कहा, भाजपा जैसे चाहे जांच करा ले

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि भाजपा की शिकायत पर उपराज्यपाल ने जांच बैठा दी है। जब तक जांच कमेटी की रिपोर्ट नहीं आ जाती, हमने बसों की खरीद की प्रक्रिया रोक दी है। भाजपा जांच करा ले, हम हर तरीके की जांच के लिए तैयार हैं। पहले भी भाजपा वाले 400 फाइलों की जांच कर चुके हैं, उन्हें कुछ नहीं मिला था।


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