Move to Jagran APP

विपक्ष का यक्ष सवाल: आखिर कहां गया 1589 क्विंटल गरीबों का राशन, कैग ने खोली पोल

कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि एफ़सीआई गोदाम से राशन वितरण केंद्रों पर 1589 क्विंटल राशन की ढुलाई के लिए फर्जी गाडि़यों का इस्‍तेमाल किया गया।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Thu, 05 Apr 2018 09:39 AM (IST)Updated: Fri, 06 Apr 2018 08:30 AM (IST)
विपक्ष का यक्ष सवाल: आखिर कहां गया 1589 क्विंटल गरीबों का राशन, कैग ने खोली पोल
विपक्ष का यक्ष सवाल: आखिर कहां गया 1589 क्विंटल गरीबों का राशन, कैग ने खोली पोल

नई दिल्‍ली [ जेएनएन ] । दिल्‍ली में चार लाख नकली राशन कार्ड के जरिए राशन घोटाले का खेल चल रहा है। कैग की रिपोर्ट के बाद विपक्ष ने दिल्‍ली सरकार पर अपना प्रहार तेज कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि बिना मंत्रियों के संरक्षण के इतना बड़ा घोटाला संभव नहीं है। पार्टी का कहना है कि दिल्ली में अनेक ऐसे परिवार है, जिनके नाम पर 15 से लेकर 125 तक राशन कार्ड बने हुए हैं। इन राशन कार्डो को आधार कार्ड से भी नहीं जोड़ा गया है। भाजपा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार जानबूझ कर इसे आधार कार्ड से  नहीं जोड़ा।

loksabha election banner

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल छोटे लालू की तरह उभर रहे हैं। तिवारी ने कहा कि बिहार में लालू यादव ने चारा घोटाले में फर्जी वाहनों का उपयोग दिखाया था उसी तर्ज पर केजरीवाल सरकार ने राशन घोटाला किया है। भाजपा आज इस मामले को लेकर दिल्‍ली विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेगी। वहीं कांग्रेस आज अपनी रणनीति का खुलासा करेगी।

1589 क्विंटल राशन की ढुलाई के लिए बस, टेंपो और स्कूटर-बाइक से

रिपोर्ट के मुताबिक, यह बिहार के चारा घोटाले की तरह है, जिसमें दिल्ली में भी बाइक और टेंपो पर अनाज ढोया गया। कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि एफ़सीआई गोदाम से राशन वितरण केंद्रों पर 1589 क्विंटल राशन की ढुलाई के लिए आठ ऐसी गाड़ियों का इस्तेमाल किया गया, जिनका रजिस्ट्रेशन नंबर बस, टेंपो और स्कूटर-बाइक का था। कैग की रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि 2016-17 में जिन 207 गाड़ियों को राशन ढुलाई के काम में लाया गया, उनमें 42 के रजिस्ट्रेशन ही नहीं हैं। इसके साथ ही 10 गाड़ियां अन्य विभागों के नाम पर थी। 

रिपोर्ट यह भी कहती है कि एक साल करीब 1589 क्विंटल माल एफसीआई के गोदामों से फेयर प्राइस शॉप तक पहुंचाया गया है, जो इन गाड़ियों में पहुंचाना लगभग असंभव है। जो इस बात तस्दीक करता है कि दिल्ली में राशन घोटाला हुआ है।

घोटालों में घिरी केजरीवाल सरकार

कैग रिपोर्ट ने यह स्थापित कर दिया है कि यह सरकार घोटालों में घिरी हुई है। सरकार के भ्रष्टाचार को जनता के बीच उजागर करने के लिए भाजपा आज विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार एवं राशन माफियाओं की सांठगांठ है। केंद्र सरकार के गोदामों से राशन सीधे माफिया के गोदामों में जाता है, लेकिन कागजों में फर्जी वाहन नंबर दर्ज कर यह दिखा दिया जाता है कि राशन दुकानों में भेजा गया है। 

राशन की दुकाने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को दी गई

पश्चिमी दिल्ली के सांसद प्रवेश वर्मा ने दिल्‍ली सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पिछले तीन वर्षों में अधिकतर राशन दुकाने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को दी गई है, जो फर्जी राशन कार्ड के जरिये घोटाला करते हैं। उन्‍होंने कहा कि इसमें मंत्री भी शामिल है। उधर, नई दिल्ली के सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि भाजपा लगातार राशन कार्ड को आधार से जोडऩे की मांग करती रही है। इससे फर्जीवाड़े की गुंजाइश बहुत कम रह जाएगी पर केजरीवाल सरकार इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं कर रही है। दक्षिणी दिल्ली के सांसद का कहना है कि जो घोटाला सामने आया हैं वह किसी राजनीतिक दल के आरोप नहीं हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री नकार दें, यह  कैग की रिपोर्ट है।

सिरसा ने केजरीवाल को छोटा लालू बताते हुए पोस्टर भी लगवाए 

राजौरी गार्डन के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि तीन साल में केजरीवाल सरकार ने लोकलेखा समिति की एक भी बैठक नहीं की है। कैग की रिपोर्ट को विधानसभा में रखना आवश्यक है। अपनी पोल खुलने के डर से सरकार ने बिना किसी पूर्व घोषणा के शोर-शराबे के बीच इस रिपोर्ट को रखकर मामले की दबाने की कोशिश की पर विपक्ष के विधायकों की जागरूकता की वजह से वह ऐसा नहीं कर सकी। सिरसा ने दिल्ली में कई स्थानों पर केजरीवाल को छोटा लालू बताते हुए पोस्टर भी लगवाए हैं।

यह भी पढ़ेंः 'छोटे लालू' हो गए हैं केजरीवाल, CAG रिपोर्ट में राशन घोटाला सामने आने के बाद BJP का हमला

यह भी पढ़ेंः CAG की रिपोर्ट से AAP में खलबली: भ्रष्‍टाचार के 50 मामले उजागर, केजरीवाल को विपक्ष ने घेरा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.