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अब इंसान को बैठने के सलीके सिखाएगा मोबाइल ऐप, गलती हुई तो तुरंत मिलेगा अलर्ट

सेहत का साथी: सिटिंग पॉश्चर के लिए तैयार किया दुनिया का पहला एप

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 23 Apr 2018 09:57 AM (IST)Updated: Mon, 23 Apr 2018 11:55 AM (IST)
अब इंसान को बैठने के सलीके सिखाएगा मोबाइल ऐप, गलती हुई तो तुरंत मिलेगा अलर्ट
अब इंसान को बैठने के सलीके सिखाएगा मोबाइल ऐप, गलती हुई तो तुरंत मिलेगा अलर्ट

नई दिल्ली [मनु त्यागी]। आप कुर्सी पर ठीक से नहीं बैठे हैं। कृपया सीधे तन कर बैठें। नीचे गर्दन झुकाकर न बैठें। कुर्सी पर गलत तरह से बैठना आपकी रीढ़ की हड्डी के लिए ठीक नहीं है। ये सब अलर्ट अब आपको आपका मोबाइल ही दे देगा। जैसे ही आप गलत तरीके से उठे-बैठेंगे या मोबाइल इस्तेमाल करते वक्त पॉश्चर (तरीका) गलत होगा तो तुरंत अलर्ट मिलेगा। जी हां, सिटिंग पॉश्चर दुरुस्त रखने क लिए तैयार दुनिया का पहला स्पाइंड मोबाइल एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।

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12वीं के छात्र ने बनाया एप

दिल्ली स्थित मॉर्डन पब्लिक स्कूल के 12वीं कक्षा के छात्र हर्ष गुप्ता ने स्पाइंड नामक मोबाइल एप्लीकेशन तैयार किया है। हर्ष दावा करते हैं कि यह दुनिया का पहला इस तरह का मोबाइल App है, जो आपको दिनभर सचेत करने के अलावा आपके उठने-बैठने की सही-गलत अवस्था (पॉश्चर) की ग्राफ के साथ स्टडी भी देता है ताकि आप अपनी आदत में बदलाव पर नजर रख सकें। साइंटिफिक रिसर्च पब्लिशिंग में इसका रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुका है। साथ ही इसे पेटेंट भी कराया जा चुका है।

अपनी परेशानी से मिला सबक

हर्ष को रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत थी। डॉक्टर ने उन्हें मोबाइल के कम से कम इस्तेमाल की सलाह दी। हर्ष कहते हैं, मोबाइल का लगातार बढ़ता प्रयोग और ऑफिस में हर समय कुर्सी पर बैठे रहना, इन दोनों ही चीजों में बदलाव होने की गुंजाइश नामुमकिन ही नजर आती है। आज जब सब पढ़ाई से लेकर रिसर्च तक मोबाइल में समाया है तो इस तकनीक का कम इस्तेमाल करना असंभव सी बात है। ऐसे में मैंने तय किया कि क्यों न कुछ ऐसा हल निकाला जाए जिससे उठने-बैठने के गलत तरीके और गलत आदतों पर काबू पाया जा सके।

एक सेंसर से बन गई बात

बकौल हर्ष, इस पर जब मैंने रिसर्च शुरू की तो पाया कि विदेश के कई विश्वविद्यालयों में इस पर शोध हो चुके हैं। वे भी मोबाइल पर ही पॉश्चर अलर्ट को लेकर दो सेंसर इस्तेमाल तक शोध कर चुके थे, लेकिन मैंने जो मोबाइल एप्लीकेशन तैयार किया है उसमें सिर्फ एक सेंसर का ही इस्तेमाल होता है और वह हर दिन कैलेंडर की तरह आपके दिनभर के पॉश्चर का तुलनात्मक ग्राफ भी देगा।

तो डॉक्टर भी देंगे सलाह

हर्ष कहते हैं कि इस एप्लीकेशन को तैयार करने के बाद दिल्ली के तकरीबन 100 मोबाइल उपभोक्ताओं पर इस्तेमाल किया गया। जहां कमियां मिलीं उसे सुधारा गया। उसके बाद ही साइंटिफिक रिसर्च में प्रकाशन के लिए भेजा गया। दिल्ली के कई बड़े निजी व सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों से भी इस पर चर्चा चल रही है। कई जगह से सकारात्मक जवाब भी मिला है। संभव है कि डॉक्टर रीढ़ की हड्डी के किसी भी तरह के दर्द, पॉश्चर पेन, सर्वाइकल पेन आदि के लिए लोगों को इस App के इस्तेमाल के बारे में सलाह देना शुरू कर दें।  


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