Delhi: राजपथ से पूरा देश देखेगा चांदनी चौक की मनमोहक तस्वीर, सरकार ने शुरू की तैयारी
सरकार के कला संस्कृति एवं भाषा विभाग के अंतर्गत आने वाले साहित्य कला परिषद ने ऐसी एजेंसियों से झांकी के लिए निविदा मांगी है जिनका पहले भी राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में झांकी बनाने का अनुभव हो।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। अगले वर्ष गणतंत्र दिवस पर राजपथ से पूरा देश चांदनी चौक की मनमोहक तस्वीर देखेगा। दिल्ली सरकार ने अगले वर्ष 26 जनवरी को होने वाले गणतंत्र दिवस की परेड के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। झांकी बनाने वाली एजेंसियों से निविदा मंगाना प्रारंभ कर दिया गया है। इसके लिए कुल 25 लाख रुपये का बजट तय किया गया है। इस बार झांकी का विषय "शाहजहांनाबाद का पुनर्विकास' रखा गया है जिसके तहत इस ऐतिहासिक क्षेत्र को बेहद खूबसूरत बनाया जा रहा है। यह दिल्ली सरकार की अहम परियोजना है, जो दिसंबर 2018 में शुरू हुई है।
पुनर्विकास में चांदनी चौक के मुख्य मार्ग को मोटर वाहन रहित लेन (एनएमवी) बनाने के साथ ही अन्य बाजारों के संपर्क मार्गों काे विकसित किया जा रहा है। फुटपाथ को चौड़ा करने के साथ ही इसमें आकर्षक स्ट्रीट लैंप, साइन बोर्ड व बेंच लगाई जाएंगी। सरकार की कोशिश है कि इसी वर्ष नवंबर तक इसे पूरा कर लिया जाए। जुलाई माह में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद परियोजना की प्रगति का जायजा लेने पहुंचे थे। तब उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा था कि काम पूरा होने के बाद यह पर्यटकों और आम लोग का पसंदीदा पर्यटन स्थल बन जाएगा।
यह मुगलकालीन बसावट वैसे भी पहले से देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र में है। धार्मिक सद्भाव, कला संस्कृति, खान-पान, वास्तुकला समेत अन्य विशिष्टताओं के मामले में यह हर किसी का दिल जीत लेता है। सामने लालकिला की मौजूदगी के साथ सैकड़ाें वर्ष पुराने धार्मिक स्थल- शीशगंज गुरुद्वारा, लाल जैन मंदिर, गौरी शंकर मंदिर, फतेहपुरी मस्जिद व जामा मस्जिद की मौजूदगी है तो सैकड़ों वर्ष पुराने चर्च, हवेलियां व अन्य इमारते जीते जागते इतिहास से परिचित कराते हैं। इसके साथ ही यह देश का प्रमुख व्यवसायिक केंद्र भी है। कपड़ा, इलेक्ट्रिकल, चश्मा, ज्वैलरी, साइकिल, कैमरा, रसायन, इलेक्ट्रानिक्स सामान, किताब, कार्ड, पटाखे, घड़ी, सूखा मेवा, खाद्य तेल, मसाला, अनाज समेत अन्य सामानों के प्रमुख थोक बाजार हैं। खान-पान में विशिष्ट स्वाद के मामले में भी इसकी खास पहचान है।
ऐसे में इस स्थल के पुनर्विकास को रोल मॉडल के तौर पर दिल्ली सरकार ने पूरे देश से परिचित कराने की तैयारी की है। ताकि, यहां पर्यटन को और बढ़ावा मिले। इसके लिए सरकार के कला, संस्कृति एवं भाषा विभाग के अंतर्गत आने वाले साहित्य कला परिषद ने ऐसी एजेंसियों से झांकी के लिए निविदा मांगी है, जिनका पहले भी राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में झांकी बनाने का अनुभव हो। हालांकि, कोरोना को देखते हुए अगले वर्ष के गणतंत्र दिवस परेड पर अभी अनिश्चिततात के बादल है। सरकार को उम्मीद है कि देश की विशिष्टता, एकता और शौर्य को दर्शाने वाला यह परेड पूर्व की तरह अगले वर्ष भी होगा।
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