Coronavirus Vaccine Trial: एम्स में बच्चों पर टीके के ट्रायल के लिए पहली डोज देने की प्रक्रिया पूरी
दिल्ली स्थित एम्स में कोवैक्सीन के ट्रायल के लिए दो से छह साल की उम्र के बच्चों को टीके की पहली डोज दी गई। इसके साथ ट्रायल के लिए बच्चों को पहली डोज देने की प्रक्रिया पूरी हो गई। अब तक बच्चों पर टीके का खास दुष्प्रभाव नहीं दिखा है।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। देश की राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (Delhi based All India Institute of Medical Sciences) कोवैक्सीन के ट्रायल के लिए दो से छह साल की उम्र के बच्चों को टीके की पहली डोज दी गई। इसके साथ ही ट्रायल के लिए बच्चों को पहली डोज देने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। अब तक बच्चों पर टीके का खास दुष्प्रभाव नहीं देखा गया है।
बताया जा रहा है कि अगले सप्ताह से ट्रायल में शामिल बच्चों को दूसरी डोज देने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। इसलिए इस माह के अंत तक ट्रायल में शामिल सभी बच्चों को दूसरी डोज लग जाएगी। अगस्त के अंत तक या सितंबर में अंतरिम रिपोर्ट आने की उम्मीद है, जिससे यह पता चल सकता है कि यह टीका बच्चों के लिए कितना सुरक्षित है। हालांकि, अब तक गंभीर दुष्प्रभाव की बात सामने नहीं आई है।
उल्लेखनीय है कि देश के छह अस्पतालों में दो से 18 साल की उम्र के 525 बच्चों पर यह ट्रायल चल रहा है। एम्स में नौ जून को सबसे पहले 12 से 18 साल की उम्र के बच्चों को टीके की पहली डोज दी गई थी। इसके बाद छह से 12 साल की उम्र के बच्चों टीके की पहली डोज दी गई। इसी क्रम में मंगलवार को दो से छह साल की उम्र के बच्चों की स्क्री¨नग की गई थी। स्क्रीनिंग में स्वस्थ पाए जाने वाले बच्चों को टीके की पहली डोज दे दी गई। 28 दिन के अंतराल पर टीके की दूसरी डोज दी जाएगी। इस तरह 12 से 18 साल के जिन बच्चों को नौ जून को पहली डोज दी गई है उन्हें अगले सप्ताह दूसरी डोज दी जाएगी।
बता दें कि कोरोना रोधी टीका वयस्कों को तो लगाया जा रहा है, लेकिन बच्चों के लिए अब तक कोई वैक्सीन नहीं आई है। ऐसे में सभी आयु वर्ग के लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण का टीका लगाए बिना कोरोना के खिलाफ जंग अधूुरी है।