एक पिता की दर्दनाक दास्तां, अपने बेटे की मौत पर दो शहरों की पुलिस थानों के लगा रहा चक्कर, हाथ जोड़कर मांग रहा न्याय
अशोक नगर निवासी चरणजीत बताते हैं कि उनका बेटा गगनदीप 15 सितंबर को घर से चार बजे दिन में निकला था। इसी दिन शाम साढ़े सात बजे इसका मोबाइल स्विच आफ हो गया। 16 तारीख को पूरे दिन इसका मोबाइल बंद रहा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Crime News: हरिनगर थाना क्षेत्र में रहने वाले युवक की मौत से जुड़े मामले की जांच की मांग को लेकर एक पिता कभी उत्तर प्रदेश तो कभी दिल्ली की पुलिस के बीच चक्कर लगाने को मजबूर हैं। उत्तर प्रदेश की पुलिस से जब यह बेटे की मौत के बारे में सवाल पूछते हैं तो वह दिल्ली पुलिस द्वारा आगे की कार्रवाई करने की बात कहकर इन्हें चलता कर देते हैं। उधर दिल्ली पुलिस इन्हें यह कहकर चलता कर देती है कि अभी तक उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से कागजी कार्रवाई नहीं हुई है।
अशोक नगर निवासी चरणजीत बताते हैं कि उनका बेटा गगनदीप 15 सितंबर को घर से चार बजे दिन में निकला था। इसी दिन शाम साढ़े सात बजे इसका मोबाइल स्विच आफ हो गया। 16 तारीख को पूरे दिन इसका मोबाइल बंद रहा। 17 तारीख को इन्हें उत्तर प्रदेश के हापुड़ स्थित सिंभावली थाना से सूचना मिली कि आपके बेटे का शव खड़ुलिया गांव के निकट नहर से बरामद हुआ है। जहां से शव बरामद हुआ वहां से करीब 15 किलोमीटर दूर एक स्कूटी बरामद हुई जो गगनदीप की थी।
चरणजीत बताते हैं कि उन्हें बताया गया कि जब शव बरामद हुआ तब मोबाइल चालू अवस्था में था। यह कैसे चालू हुआ यह एक गंभीर सवाल है। उनका बेटा आखिर दिल्ली से इतनी दूर स्कूटी चलाकर क्यों गया, यह ऐसा प्रश्न है जिसे लेकर मन में कई तरह के सवाल उठते हैं। यदि उन्हें आत्महत्या करनी होती तो वे दिल्ली से इतनी दूर स्कूटी चलाकर क्यों जाते। मामला लूटपाट से भी जुड़ा नहीं है, क्योंकि उसके सभी सामान बरामद हो गए। स्कूटी भी मिल गई।
एक आशंका यह भी है कि उन्हें मारकर काफी दूर शव को ठिकाने लगाने के लिए सिंभावाली काे चुना गया। गगनदीप की किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं थी। ऐसे कई सवाल हैं, जिनके उत्तर एक पिता होने के नाते मैं ढूंढ रहा हूं, जो मुझे पुलिस से जानने का हक है।
चरणजीत बताते हैं कि उन्होंने बेटे की गुमशुदगी की शिकायत हरिनगर थाना में 16 सितंबर को ही दर्ज करा दी थी। जनरल डायरी में इस शिकायत को दर्ज किया गया। लेकिन शव की बरामदगी के बाद से अभी तक इस मामले में कौन जांच अधिकारी है, इसकी जानकारी नहीं दी गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी तक सिंभावली थाना से हरिनगर थाना अभी तक नहीं पहुंचा है।
सिंभावली थाना की पुलिस कहती है कि इस मामले से उनका अब कोई लेना देना नहीं है। दिल्ली पुलिस को इसकी जांच करनी है। उधर हरिनगर थाना पुलिस यह कहकर मुझे चलता कर देती है कि उनके पास सिंभावली थाना से अभी तक पोस्टमार्टम की रिपोर्ट नहीं आई है।