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Delh Air Pollution: खेतों में पराली को खाद बनाएगी केजरीवाल सरकार, किसानों का नहीं होगा कोई खर्चा

Delhi Air Pollution खेतों में पराली को खाद बनाने के लिए दिल्ली सरकार फ्री में पूसा इंस्टिट्यूट की तरफ से बनाए गए घोल का छिड़काव करेगी। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दी। किसानों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 04:41 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 05:28 PM (IST)
Delh Air Pollution: खेतों में पराली को खाद बनाएगी केजरीवाल सरकार, किसानों का नहीं होगा कोई खर्चा
दिल्ली के किसानों के खेतो में घोल का छिड़काव करेगी सरकार

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Delhi Air Pollution News: दिल्ली के सभी किसानों के खेतों में पराली को खाद बनाने के लिए दिल्ली सरकार फ्री में पूसा इंस्टिट्यूट की तरफ से बनाए गए घोल का छिड़काव करेगी। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दी। उन्होंने कहा कि घोल डालने के 15-20 दिन बाद पराली के डंठल गल जाएंगे और खाद बनने लगेंगे। इसके लिए किसानों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

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सीएम केजरीवाल ने बताया कि 5 अक्टूबर से घोल बनाना शुरु कर दिया जाएगा और 12 या 13 अक्टूबर तक यह तैयार हो जाएगा। दिल्ली में करीब 800 हेक्टेयर जमीन है जहां पर गैर बासमती चावल की होती बुआई होती है। वहां इसे किसानों की सहमति से छिड़काव किया जाएगा। इस दौरान किसानों का कोई खर्चा नही होगा। घोल के छिड़काव में करीब 20 लाख रुपये की लागत का आएगी जिसे दिल्ली सरकार वहन करेगी। ट्रैक्टर भी सरकार किराए पर लेगी।

कृषि अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों को बुधवार को ICAR पूसा के वैज्ञानिकों द्वारा पराली जलाने की समस्या के समाधान वाली टेक्नोलॉजी से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। पूसा के वैज्ञानिकों की निगरानी में 5 अक्टूबर से घोल तैयार किया जाएगा। किसानों को यह सुविधा दिल्ली सरकार निःशुल्क उपलब्ध कराएगी।

पराली जलने से होने वाले प्रदूषण पर लगेगी रोक

दिल्ली सरकार के इस फैसले से राजधानी में पराली जलने से होने वाले प्रदूषण पर रोक लगाई जा सकेगी। सरकार का यह कदम प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए काफी हद तक कारगर साबित हो सकता है। बता दें कि हर साल पराली जलाने से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

15 अक्टूबर से लागू होगा ग्रेप 

बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू किया जा रहा है। इस दौरान डीजल जेनरेटर पर प्रतिबंध रहेगा। होटल, रेस्तरां और ढाबों में कोयला और लकड़ी जलाने पर भी रोक रहेगी।  पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) अध्यक्ष भूरेलाल ने कहा है कि इस साल सर्दियों में वायु प्रदूषण पर जोरदार प्रहार करना होगा। कोरोना संक्रमण के इस दौर में हीलाहवाली नहीं की जा सकती। एक्शन प्लान पर गंभीरता और सख्ती से अमल कराना होगा।

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