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2019 तक देश को मिलेगा पहला भूमिगत संग्रहालय, 49 करोड़ रुपये आएगी लागत

रतीश नंदा कहते हैं कि संग्रहालय की मेन गैलरी भूतल से 6 मीटर नीचे होगी। इसकी छत को मुगल काल के गार्डन का रूप दिया जाएगा।

By Amit MishraEdited By: Published: Sun, 17 Sep 2017 03:31 PM (IST)Updated: Sun, 17 Sep 2017 10:26 PM (IST)
2019 तक देश को मिलेगा पहला भूमिगत संग्रहालय, 49 करोड़ रुपये आएगी लागत
2019 तक देश को मिलेगा पहला भूमिगत संग्रहालय, 49 करोड़ रुपये आएगी लागत

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। हुमायूं का मकबरा देखने आने वालों को अगले दो साल में एक बेहतरीन भूमिगत संग्रहालय देखने को मिलेगा। यह 9 हजार वर्ग मीटर में फैला होगा। हुमायूं के मकबरे के निर्माण से संबंधित बहुत सी जानकारियां लोगों को यहां मिल सकेंगी। इस पर 49 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इसे जनता के लिए अगले दो साल में खोल दिया जाएगा। दो साल पहले इसका शिलान्यास किया गया था। मगर विभिन्न अड़चनों के चलते काम एक साल पहले ही शुरू हो सका था।

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यह संग्रहालय भूतल से 6 मीटर नीचे होगा। संग्रहालय पूरी तरह हुमायूं के मकबरे पर आधारित होगा। 2014 में आई आंधी में हुमायूं के मकबरे की गिरी स्तूपिका (कलश) भी इस संग्रहालय में रखी जाएगी। इसके अलावा, बलुआ पत्थर और मार्बल की वस्तुएं, टेराकोटा पाइप सहित कई चीजें भी होंगी, जो हुमायूं मकबरा परिसर में स्थित ईसा खान के मकबरे के पास से मिली थीं।

संग्रहालय में गैलरी, लाइब्रेरी, सेमिनार हॉल और कैफेटेरिया भी होंगे। इसका निर्माण केंद्र सरकार के सहयोग से आगा खां ट्रस्ट फॉर कल्चर करा रहा है। यह निजामुद्दीन अर्बन रिन्यूअल इनिशिएटिव का हिस्सा है। ट्रस्ट के योजना निदेशक रतीश नंदा कहते हैं कि संग्रहालय की मेन गैलरी भूतल से 6 मीटर नीचे होगी। इसकी छत को मुगल काल के गार्डन का रूप दिया जाएगा।

नंदा ने बताया कि संग्रहालय के अंदर के डिजाइन उत्तर भारत की पुरानी बावलियों से प्रेरित हैं। इससे हुमायूं के मकबरे के आसपास स्थित 16वीं शताब्दी के स्मारक सब्ज बुर्ज, ईसा खान का मकबरा और सुंदरवाला बुर्ज की सुंदरता पर असर नहीं पड़ेगा। उनके अनुसार इस तरह का यह देश का पहला भूमिगत संग्रहालय होगा। संग्रहालय पूरी तरह से आधुनिक सुविधाओं से संपन्न होगा।

हर साल 20 लाख लोग आते हैं मकबरा देखने

करीब 20 लाख लोग हर साल हुमायूं के मकबरे को देखने के लिए आते हैं। इनमें 5 लाख बच्चे भी शामिल हैं। हुमायूं के मकबरे के पास ही 14वीं शताब्दी के सूफी संत हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह है। जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यहां आने वालों की संख्या अधिक होने के कारण मकबरा परिसर में संग्रहालय बनाने की जरूरत महसूस की गई। संस्कृति मंत्रालय ने हुमायूं के मकबरे को देश के 25 आदर्श स्मारकों की सूची में शामिल किया है।

हुमायूं के मकबरे के पास हैं ये स्मारक व मकबरे

यहां ईसा खान का मकबरा, अफसरवाला, खान-ए-खाना का मकबरा, नीला गुंबद, अतगा खान का मकबरा, लक्कड़वाला, बड़ा बताशेवाला, जमाअतखाना, गालिब का मकबरा, चौसठखंभा आदि स्मारक व मकबरे हैं। 

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