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दिल्‍ली में तेज हुई CCTV कैमरों पर सियासत, आमने-सामने AAP और कांग्रेस

सत्ता में आने के बाद AAP ने बसों, सरकारी स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों से लेकर भीड़भाड़ वाले स्थान या सुनसान स्थानों पर कैमरे लगाए जाने की योजना बनाई थी।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 08 May 2018 12:03 PM (IST)Updated: Tue, 08 May 2018 12:05 PM (IST)
दिल्‍ली में तेज हुई CCTV कैमरों पर सियासत, आमने-सामने AAP और कांग्रेस
दिल्‍ली में तेज हुई CCTV कैमरों पर सियासत, आमने-सामने AAP और कांग्रेस

नई दिल्ली [ जेएनएन ]। दिल्ली में सीसीटीवी कैमरा लगाने की योजना पर जिस तरह से काम हो रहा है उसमें काम कम और राजनीति ज्यादा हो रही है। योजना कब जमीन पर उतर पाएगी अभी कुछ तय नहीं है मगर योजना को लेकर विवाद जरूर शुरू हो गया है। ऐसे में अब देखना यह होगा कि योजना आने वाले समय में किस तरह परवान चढ़ती है।

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बता दें कि 2012 में हुए वसंत कुंज सामूहिक दुष्कर्म के बाद से दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की योजना ने जोर पकड़ा था। आम आदमी पार्टी ने सत्ता में आने के बाद बसों, सरकारी स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों से लेकर भीड़भाड़ वाले स्थान या सुनसान स्थानों पर कैमरे लगाए जाने की अलग अलग योजनाएं बना डाली थीं। मगर इसमें से सरकार की एक भी योजना जमीन पर नहीं उतर सकी है।

स्कूलों की 70 हजार कक्षाओं में नहीं लगे कैमरे

9 सितंबर 2015 को दिल्ली सरकार ने 11 सौ सरकारी स्कूलों की इमारतों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की योजना की घोषणा की थी। योजना के तहत इन स्कूलों की 70 हजार कक्षाओं में कैमरे लगाए जाने थे। जनवरी 2018 में गुरुग्राम के एक निजी स्कूल में छात्र की हत्या के बाद दिल्ली सरकार ने इस योजना में तेजी लाने की बात कही थी। मगर योजना अभी तक जमीन पर नहीं आई।

बसों में नहीं लगे कैमरे

दिल्ली की डीटीसी और कलस्टर बसों को मिलाकर 6350 बसों में कैमरे लगाए जाएंगे। 21 जून 2017 को दिल्ली सरकार की कैबिनेट से प्रस्ताव पास किया था। उस समय कहा गया था कि इस योजना पर निर्भया फंड से हर बस में 3 कैमरे लगाए जाएंगे। इस योजना पर 140 करोड़ की राशि खर्च की जानी है। योजना के पायलेट प्रोजक्ट के तहत कुछ माह पहले 2 सौ बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। मगर यह योजना यहीं तक सीमित होकर रह गई है।

70 विधानसभा क्षेत्रों में लगने हैं 1 लाख 40 हजार कैमरे

दिल्ली सरकार के एक अलग योजना के तहत दिल्ली भर में एक लाख 40 हजार कैमरे लगाए जाने की योजना बनाई थी। इस योजना के तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में दो हजार कैमरे लगाए जाने हैं। मगर यह योजना भी आगे नहीं बढ़ सकी है। इस योजना को लेकर नियमों की अनदेखी किए जाने का आरोप लग गया है। यह योजना भी धीमी गति से चल रही है। योजना को आगे नहीं बढ़ पाने के लिए दिल्ली सरकार उपराज्यपाल पर आरोप लगा रही है। वहीं भाजपा व कांग्रेस आप सरकार पर आरोप लगा रही हैं कि यह सरकार की असफलता है। 


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