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नोएडा के शख्स का कारनामा, एक ही फ्लैट को अपना बताकर कई लोगों को बेचा, ठगी में पुलिस ने दबोचा

आरोपित पीयूष नासिक में अपना नाम बदलकर पुनीत भारद्वाज रख लिया था और वहीं पर साझेदारी में फूड चेन का कारोबार कर रहा था। इस पर दिल्ली में दर्ज कई मामलों में इसे कोर्ट द्वारा भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका था।

By Dhananjai MishraEdited By: Pradeep ChauhanPublished: Fri, 25 Mar 2022 07:07 PM (IST)Updated: Fri, 25 Mar 2022 07:07 PM (IST)
नोएडा के शख्स का कारनामा, एक ही फ्लैट को अपना बताकर कई लोगों को बेचा, ठगी में पुलिस ने दबोचा
आरोपित ने नोएडा में फ्लैट में इन्वेस्टमेंट करना शुरू किया इस कारोबार से इसने अकूत संपत्ति बनाई।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली,यूपी और पंजाब में एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की ठगी के आरोपित को उत्तरी जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपित पीयूष तिवारी महाराष्ट्र के नासिक में अपनी पहचान छिपा कर रह रहा था। इस पर अभी तक की जांच में 39 ठगी के मामले दर्ज हैं। पुलिस ने आरोपित को पकड़ने के लिए लगभग 11000 किलोमीटर गाड़ी से सफर करना पड़ा।

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कभी दिल्ली, कभी नासिक, कभी मुंबई में पुलिस टीम को छापेमारी करनी पड़ी। आरोपित की पहचान करने और गिरफ्तार करने में जिले की वाहन चोरी निरोधक दस्ते की टीम को छह महीने का समय लगा। आरोपित की पत्नी पहले ही ठगी के मामले में गिरफ्तार हो चुकी है। पीयूष की गिरफ्तारी पर गत वर्ष दिल्ली पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।

उत्तरी जिले के डीसीपी सागर सिंह के मुताबिक, आरोपित पीयूष नासिक में अपना नाम बदलकर पुनीत भारद्वाज रख लिया था और वहीं पर साझेदारी में फूड चेन का कारोबार कर रहा था। इस पर दिल्ली में दर्ज कई मामलों में इसे कोर्ट द्वारा भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका था। एसीपी जयपाल सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर नरेश कुमार, एसआइ संदीप, हवलदार ओम प्रकाश की टीम ने इसे गिरफ्तार किया है। अभी तक की जांच में पता चला है कि इसके ऊपर दिल्ली के तिलक मार्ग, मयूर विहार, आनंद विहार, पांडव नगर, कृष्णा नगर, फर्श बाजार, आर्थिक अपराध शाखा के अलावा यूपी के गौतम बुद्ध नगर के नोएडा सेक्टर 49, सूरजपुर, बिसरख,बीटा दो, नालेज पार्क गाजियाबाद के इंदिरापुरम, कवि नगर के अलावा पंजाब के अमृतसर आदि जगहों पर 39 ठगी के मामले दर्ज हैं।

एक ही फ्लैट कई लोगों को बेचा : आरोपित ने नोएडा में एक ही फ्लैट को अपना बता कर लोगों को बेचकर उनसे करोड़ों की ठगी की है। यह लोगों को फ्लैट दिखाता फिर उनसे पैसे लेकर फरार हो जाता था। सबसे पहले इसने दिल्ली एनसीआर में एडवर्टाइजमेंट एजेंसी से शुरुआत की थी। इसके बाद आरोपित ने नोएडा में फ्लैट में इन्वेस्टमेंट करना शुरू किया इस कारोबार से इसने अकूत संपत्ति बनाई।

आयकर विभाग की छापेमारी में मिले थे 120 करोड़ रुपये : पीयूष तिवारी ने बताया कि उसने साल 2011 में आठ कंपनियां और साल 2018 तक 15 से 20 शेल कंपनियां बनाई। 2016 में उसके घर पर आयकर विभाग की रेड भी पड़ी थी और तब उसके घर से 120 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे। पुलिस का कहना है कि इस छापेमारी के बाद से पीयूष तिवारी का कारोबार गिरने लगा और यह एजेंसियों के रेडार पर आ गया। फिर उसने लोगों को ठगना शुरू कर दिया। आरोपित पर वर्ष 2016 से 2018 के बीच सभी ठगी के मामले दर्ज किए गए थे।


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