26/11 मुंबई हमला: गुरुग्राम के लाल ने किया था ऑपरेशन का नेतृत्व, पिता ने कही बड़ी बात
मेजर (रिटा.) ईश्वर सिंह जाखड़ कहते हैं कि एक पल भी बेटे की बात ध्यान से नहीं हटती है। जब उसे सूचना मिली तो मैदान-ए-जंग में जाने के लिए आतुर हो उठा था।
गुरुग्राम [आदित्य राज]। मुंबई पर आतंकी हमले (26/11) को दस साल हो गए लेकिन उस समय का खौफनाक मंजर अब भी हर किसी के ध्यान में है। ऑपरेशन का नेतृत्व मेजर संदीप उन्नीकृष्णन के शहीद होने के बाद गुरुग्राम के लाल कैप्टन (अब लेफ्टिनेंट कर्नल हैं) अनिल जाखड़ ने संभाला था। मुंबई जाने से पहले उन्होंने अपने पिता मेजर (रिटा.) ईश्वर सिंह जाखड़ से कहा था कि देश की आबरू पर हमला करने वालों का सीना छलनी करके ही लौटेंगे।
जिम्मेदारी निभाकर देश का मान बढ़ाया
दस साल हो चुके हैं लेकिन यह बात पल भर के लिए भी पिता के ध्यान से नहीं हटती। वह कहते हैं कि बेटे ने बखूबी जिम्मेदारी निभाकर देश का मान बढ़ाया। उन्हें अनिल जाखड़ के पिता होने का गर्व है। ऑपरेशन में 9 आतंकवादी मारे गए थे। एक आतंकी आमिर कसाब जिंदा पकड़ा गया था।
अनिल जाखड़ ने संभाल लिया था मोर्चा
देश की आर्थिक राजधानी के रूप में प्रसिद्ध मुंबई स्थित होटल ताज में आतंकवादी घुस गए थे। उस समय होटल में अधिकतर लोग डिनर कर रहे थे। आतंकवादियों ने सभी को बंधक बना लिया था। इसका मुंहतोड़ जवाब देने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार ने एनएसजी को सौंपी थी। जिम्मेदारी मिलते ही मानेसर स्थित एनएसजी ट्रेनिंग सेंटर से मेजर उन्नीकृष्णन के नेतृत्व में टीम मुंबई पहुंची थी। आतंकवादियों से लोहा लेते हुए मेजर उन्नीकृष्णन के शहीद होने के बाद तत्काल प्रभाव से कैप्टन अनिल जाखड़ ने मोर्चा संभाल लिया था।
कभी ध्यान से नहीं हटती बेटे की बात
मेजर (रिटा.) ईश्वर सिंह जाखड़ कहते हैं कि एक पल भी बेटे की बात ध्यान से नहीं हटती है। जब उसे सूचना मिली तो मैदान-ए-जंग में जाने के लिए आतुर हो उठा था। उसने कहा था कि देश के लिए कुछ करने का समय आ गया है। एक-एक आतंकवादी का चुन-चुन कर सफाया किया जाएगा। मुंबई पर नहीं बल्कि आतंकवादियों ने देश की आबरू पर हमला किया है। इतने बड़े ऑपरेशन का नेतृत्व करने के बाद भी बेटे के मुख से एक बार भी यह नहीं निकलता है कि उसने कुछ बड़ा काम किया। यही बात पूरे परिवार को सबसे अधिक गौरवान्वित करती है। देश से बड़ा कुछ भी नहीं। देश ने ही सबकुछ दिया है। इसकी रक्षा करना एक-एक नागरिक का कर्तव्य ही नहीं बल्कि धर्म है। उनके बेटे ने अपनी जिम्मेदारी निभाई थी।
पूरा परिवार देश सेवा के लिए समर्पित
मेजर (रिटा.) ईश्वर सिंह जाखड़ कहते हैं कि उनका पूरा परिवार देश सेवा के लिए समर्पित है। परिवार में आठ आर्मी अफसर हैं। परिवार के बच्चे भी सबसे पहले आर्मी में ही जाने की बात करते हैं। यह प्रेरणा उनके बेटे अनिल जाखड़ की वजह से परिवार को अधिक मिली है। खुशी है कि मुंबई आतंकी हमले के बाद देश काफी सुरक्षित हुआ है। कुछ घटनाएं उसके बाद भी हुई हैं लेकिन उनपर जल्द ही काबू पा लिया गया। सर्जिकल स्ट्राइक करके भारत ने दुनिया को अपनी ताकत का अहसास कराया। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन सराहनीय हैं। सेना का यह कहना कि या तो सरेंडर करो या फिर मरो, उचित है।
शहीद स्मारक पर दी जाएगी श्रद्धांजलि
पुलिस शहीद फाउंडेशन की ओर से सिविल लाइंस में स्वतंत्रता सेनानी भवन परिसर स्थित शहीद स्मारक पर मुंबई आतंकी हमले के शहीदों को आज श्रद्धांजलि दी जाएगी। फाउंडेशन के संयोजक एडवोकेट आरएल शर्मा ने बताया कि श्रद्धांजलि सभा में पुलिस आयुक्त केके राव, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के चेयरमैन व जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके सोंधी, जिला परिषद के चेयरमैन कल्याण सिंह चौहान सहित कई गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है।