दसवीं की छात्रा को कोर्ट से मिली राहत, परिवर्तित नाम से मिलेगा अंक पत्र
दिल्ली के शामनाथ मार्ग सिविल लाइंस इलाके में रहने वाली दसवीं कक्षा (सत्र 2020-21) की छात्रा नव्या सहरावत को अपना नाम नव्या अरिका सिंह बदलवाना था। छात्रा ने पिछले वर्ष सीबीएसई से मान्यता प्राप्त चाणक्यपुरी स्थित अपने स्कूल के प्रबंधन को नाम परिवर्तन के लिए अर्जी दी थी।
नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। नाम परिवर्तन के लिए अर्जी दायर करने वाली दसवीं की छात्रा को कड़कड़डूमा कोर्ट में राहत प्रदान की है। कोर्ट ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को आदेश दिया है कि परिणाम जारी करने से पहले सभी दस्तावेजों में छात्रा का नाम परिवर्तित कर दिया जाए। दसवीं का अंक पत्र परिवर्तित नाम से जारी किया जाए। साथ ही स्कूल को आदेश दिया है कि वह भी अपने दस्तावेजों में छात्रा का नाम परिवर्तन करें।
दिल्ली के शामनाथ मार्ग सिविल लाइंस इलाके में रहने वाली दसवीं कक्षा (सत्र 2020-21) की छात्रा नव्या सहरावत को अपना नाम नव्या अरिका सिंह बदलवाना था। उसके लिए छात्रा ने स्वजन के माध्यम से पिछले वर्ष सीबीएसई से मान्यता प्राप्त चाणक्यपुरी स्थित अपने स्कूल के प्रबंधन को नाम परिवर्तन के लिए अर्जी दी थी।
स्कूल प्रबंधन ने उनकी अर्जी पर गौर नहीं किया था। उन्होंने समाचार पत्र में प्रकाशित सूचना, गजट और शपथ पत्र समेत अक्टूबर 2020 में स्कूल के साथ सीबीएसई को भी नाम परिवर्तन के लिए अर्जी भेजी। जिसे सीबीएसई ने अस्वीकार कर दिया। यह कहते हुए कि परिणाम घोषित होने से पहले न्यायिक प्रक्रिया से ही नाम परिवर्तन संभव है।
इसके बाद छात्रा ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उसकी अर्जी पर एडिशनल सीनियर सिविल जज की कोर्ट में सुनवाई हुई। छात्रा की तरफ से अधिवक्ता रघु वशिष्ठ ने पक्ष रखा। वहीं सीबीएसई ने अपना पक्ष रखा। दोनों के पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने छात्रा को राहत देते हुए नाम परिवर्तन की इजाजत दे दी।
सीबीएसई को आदेश दिया कि दसवीं कक्षा का परिणाम जारी करने से पहले छात्रा के सभी दस्तावेजों में नाम नव्या अरिका सिंह परिवर्तित कर दिया जाए। परिवर्तित नाम से ही उसे प्रमाण पत्र जारी किया जाए। स्कूल को भी इस संबंध में आदेश जारी किया है।