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CoronaVirus Effect: लॉकडाउन में टेक्नोसेवी संघ सीधे घरों में बना रहा पहुंच

अखिल भारतीय प्रचार टोली के सदस्य राजीव तुली ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान देशभर में लगने वाली शाखाओं और सभी प्रकार की गतिविधियों को ई-प्लेटफार्म पर लाने का प्रयास हो रहा है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 07:06 PM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 07:06 PM (IST)
CoronaVirus Effect: लॉकडाउन में टेक्नोसेवी संघ सीधे घरों में बना रहा पहुंच
CoronaVirus Effect: लॉकडाउन में टेक्नोसेवी संघ सीधे घरों में बना रहा पहुंच

नई दिल्ली (नेमिष हेमंत)। लॉकडाउन में टेक्नोसेवी संघ सीधे घरों में पहुंच बना रही है। 95 वर्ष पुरानी संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने संकट की इस घड़ी को भी अपने उत्साह से भरपूर संभावनाओं वाला बना दिया है। देशभर में गली-मोहल्ले में लगने वाली शाखाएं ऑनलाइन शुरू हो गई हैं। संघ के अखिल भारतीय सह सरकार्यवाह मनमोहन वैद्य ने कहा कि ई-शाखाएं प्रत्यक्ष शाखाओं की तरह ही लग रही हैं। दैनिक गतिविधियां वही हैं, केवल शारीरिक व्यायाम के मामले में थोड़ा बदलाव हुआ है।

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एक घंटे की शाखाओं में बौद्धिक विकास, प्रेरक प्रसंग, योग और अंत में प्रार्थना होती है। इसी तरह परिवार शाखा में परिवार के सदस्य जुड़ रहे हैं। अखिल भारतीय प्रचार टोली के सदस्य राजीव तुली ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान देशभर में लगने वाली शाखाओं और सभी प्रकार की गतिविधियों को ई-प्लेटफार्म पर लाने का प्रयास हो रहा है। संघ के भीतर की कमोबेश सभी बैठकें ई-प्लेटफार्म पर आ गई हैं। बता दें कि देशभर में संघ की 37 हजार से अधिक स्थानों पर तकरीबन 60 हजार प्रत्यक्ष व 17 हजार से अधिक साप्ताहिक मिलन शाखाएं लगती थीं।

दिल्ली में ही 1800 प्रत्यक्ष शाखाओं में से 1125 शाखाएं ई-प्लेटफार्म पर आ गई हैं। इसी तरह ई-परिवार शाखाओं की संख्या भी बढ़कर 269 हो गई है। वहीं, 5 अप्रैल को ई-परिवार प्रबोधन कार्यक्रम में दिल्ली के 2000 से अधिक परिवार जुड़े थे। जबकि 11 अप्रैल को इसी तरह के अगले कार्यक्रम में 20 हजार से अधिक परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें परिवारों के बीच धार्मिक अनुष्ठानों के साथ संस्कारों, परंपराओं, प्रेरक प्रसंगों का जिक्र करने के साथ प्रसाद ग्रहण किया जाता है।

इसी तरह बच्चों और विद्यार्थियों के बौद्धिक व शारीरिक विकास के लिए नियमित तौर पर ई-कक्षाएं लगाई जा रही हैं। एक घंटे के इस कक्षाओं में देश के महान विभूतियों के जीवन से परिचय कराने व आत्मरक्षा का गुर बताने के साथ करियर से जुड़ी शंकाओं का भी समाधान किया जा रहा है। दिल्ली प्रांत के प्रचार प्रमुख रितेश अग्रवाल ने कहा कि खास यह कि ई-प्लेटफार्म के माध्यम से दूसरे राज्यों में बैठे संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों व विशेषज्ञों की पहुंच छात्रों तक आसान हो गई है।

ऐसे चलती है ई-शाखा

इसके लिए स्वयंसेवक जूम नाम का वीडियो कांफ्रेंसिंग एप फोन या लैपटाप में स्टॉल करते हैं। कांफ्रेंस के आयोजक द्वारा उन्हें वाट्सएप के माध्यम से मीटिंग आइडी और पासवर्ड भेजा जाता है। यह आइडी और पासवर्ड सभी शामिल होने वालों को भेजी जाती है, जिसे एप में डालने पर पर मीटिंग का पेज लाइव हो जाता है। इसमें लाइव वीडियो और आवाज की सुविधा होती है। इसमें कई लोग एक साथ जुड़ सकते हैं।


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