चोर youtube से सीख रहे कार लूट का तरीका, दिल्ली में सामने आया सनसनीखेज मामला
वाहन चोरी निरोधक दस्ते ने वाहन चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह के पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। ये यूट्यूब की मदद से कार अनलाक और चाबी बनाना सीखकर कारें चुराते थे।
नई दिल्ली, जेएनएन। पश्चिमी जिला पुलिस के वाहन चोरी निरोधक दस्ते ने वाहन चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह के पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। ये यूट्यूब की मदद से कार अनलाक और चाबी बनाना सीखकर कारें चुराते थे। गिरफ्तार आरोपितों में सरगना भी शामिल है। पुलिस ने आरोपितों की निशानदेही पर चुराई गई पांच कारें भी बरामद की हैं।
आरोपितों में मथुरा निवासी विपिन उर्फ छोटू (39), गुरुग्राम निवासी राज भाटिया (50), भरतपुर निवासी सुजान सिंह (40), उत्तम नगर निवासी रवि कुमार मदान व असम के लखीमपुर निवासी मोतीउर रहमान (39) शामिल हैं। आरोपित विपिन पर 22 वारदातों में शामिल रहने का आरोप है। मोतीउर चुराई गई कारों का खरीदार था। गिरोह चुराई गई कारों को पूर्वाेत्तर के राज्यों में ठिकाने लगाता था। इनके तार पश्चिम बंगाल, असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश से जुड़े बताए जा रहे हैं।
पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज ने बताया कि वाहन चोरी निरोधक दस्ता प्रभारी इंस्पेक्टर मनोज कुमार की टीम को क्षेत्र में कारों की बढ़ रही चोरी के मामले की छानबीन का जिम्मा सौंपा गया। जांच में घटनास्थल से मिले सीसीटीवी फुटेज भी खंगाला।
जांच में पता चला कि जेल से निकला विपिन उर्फ छोटू फिर से वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देने लगा है। इसके लिए एक गिरोह भी बनाया है। यह गिरोह पश्चिमी दिल्ली में सक्रिय है। इसके बाद पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस व सूत्रों से इनके बारे में जानकारी एकत्रित करनी शुरू की।
31 जनवरी को पुलिस ने विपिन व राज भाटिया, सुजान व रवि को दबोच लिया। सभी जिस कार में सवार थे वह चितरंजन पार्क इलाके से चुराई गई थी। पूछताछ में इन्होंने मोतीनगर इलाके से चुराई गई एक कार के बारे में पुलिस को बताया। बाद में इनसे मिली जानकारी के आधार पर मोतीउर भी पुलिस की पकड़ में आ गया।
पुलिस के अनुसार विपिन, राज, रवि व सुजान लग्जरी कार को करीब 15 मिनट में अनलॉक कर देते थे। आरोपित प्रोग्राम की गई चाबी की नकली चाबी भी आसानी से बना लेते थे। चाबी बनाने व कार को अनलॉक करने के लिए ये यूट्यूब की मदद लेते थे। कई मामलों में ये प्रोग्राम की गई चाबी की स्कैन भी कर लेते थे ताकि उसकी नकल तैयार की जा सके।
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि आरोपित विपिन का बड़ा भाई रवि कुख्यात वाहन चोर है। भाई के साथ मिलकर विपिन कार चोरी की वारदात को अंजाम देने में जुट गया। वर्ष 2005 में इनका जोर स्विफ्ट कार की चोरी पर था, क्योंकि उस समय इस कार की मांग काफी अधिक होती थी।
पुलिस ने इस गिरोह के नौ बदमाशों को वर्ष 2009 में पकड़ा था। विपिन को इस मामले में सजा हुई थी। बाद में वर्ष 2015 में ये जेल से निकले। इसके बाद ये फिर से वारदात को अंजाम देने लगे। इसके बाद ये वर्ष 2017 में फिर पकड़े गए। फिर ये पिछले वर्ष रिहा हुए। जेल से निकलने के बाद ये दोबारा वाहन चोरी की वारदात को अंजाम देने लगे।
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