स्वर्ण पदक जीतने पर अटल ने टीम के सदस्यों को गले लगाकर दी थी बधाई
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति के तो पुरोधा थे ही साथ ही बेहद सह्दय भी थे। इस उदाहरण कई बार देखने को भी मिला है।
गुरुग्राम (अनिल भारद्वाज)। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति के तो पुरोधा थे ही खेलों को लेकर भी उनकी रुचि थी। उनके निधन से देश का बच्चा-बच्चा दुखी है। यहां तक कि वे खिलाड़ी व कोच भी विचलित हैं, जिन्हे कभी अटल जी का साधिन्य मिला था। द्रोणाचार्य अवार्डी भारतीय हॉकी टीम के कोच रहे एमके कौशिक ने उन पलों को दैनिक जागरण के साथ साझा किए जो उनकी टीम बैंकाक (1998) में एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक लेकर देश लौटी थी।
उन्होंने बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने भारतीय टीम को घर पर बुलाया था। टीम के साथ भारतीय हॉकी महासंघ के अध्यक्ष केपीएस गिल और कैप्टन धनराज पिल्ले व मैं भी था। टीम के साथ जब हम सभी पहुंचे तो अटल जी ने टीम के सभी खिलाड़ी को गले लगा सम्मान दिया।
यही नहीं उन्होंने कहा कि आपकी टीम ने जो देश को तोहफा दिया उससे मैं युवा हो गया हूं। उन्होंने खिलाड़ियों को अपनी एक कविता भी सुनाई। कौशिक उन पलों को याद करते हुए भावुक हो गए। रुंधे गले से उन्होंने बताया कि पहली बार खिलाड़ी पीएम से मिले थे। उन्होंने जिस तरह से टीम को उत्साहित किया उसके बाद टीम ने आगे भी बेहतर परिणाम दिए थे।