IIT मुंबई और दिल्ली के विशेषज्ञों की टीम करेगी स्माग टावर के प्रभाव का अध्ययन, छह विशेषज्ञ किए गए शामिल
मध्य दिल्ली में 20 करोड़ रुपये के स्माग टावर के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए आइआइटी मुंबई और दिल्ली के छह विशेषज्ञों की एक टीम का गठन किया गया है। स्वदेशी स्माग टावर के लिए डिजाइन और उसकी लागत के नए मापदंडों को विकसित करने पर भी सहायक होगा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। भविष्य में राजधानी में लगने वाले स्माग टावर कनाट प्लेस में लगे स्माग टावर के मुकाबले तीन गुना सस्ते होंगे। पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी बुधवार को दी। मध्य दिल्ली में 20 करोड़ रुपये के स्माग टावर के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए आइआइटी मुंबई और दिल्ली के छह विशेषज्ञों की एक टीम का गठन किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, अन्य बातों के अलावा दो साल का अध्ययन स्वदेशी स्माग टावर के लिए डिजाइन और उसकी लागत के नए मापदंडों को विकसित करने पर भी सहायक होगा।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ न्यूनतम लागत पर सर्वोत्तम परिणामों के लिए प्रभाव क्षेत्र और पंखे की गति का पता लगाने की कोशिश करेंगे।अधिकारियों के मुताबिक, संरचना के आकार, ऊर्जा की खपत को कम करने और कम लागत वाले स्वदेशी फिल्टर को विकसित करने पर भी अध्ययन होगा। अमेरिका से आयातित फिल्टर वास्तव में महंगे हैं। बाबा खड़क ¨सह मार्ग पर बने स्माग टावर में 5,000 मोटे फिल्टर और 5,000 महीन फिल्टर हैं, जो 0.3 माइक्रोन के छोटे कणों को पकड़ सकते हैं। एक अन्य अधिकारी ने कहा, इस प्रकार यह पीएम 2.5 से छोटे कणों की सांर्द्रता भी प्रदान कर सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को पहली बार 24 घंटे एयर प्यूरीफायर का संचालन किया गया। इस दौरान पाया गया कि पीएम 2.5 का स्तर 34 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से घटकर चार माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 10 का स्तर 44 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से घटकर चार माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गया है। स्माग टावर एक किलोमीटर के दायरे में लगभग 1,000 क्यूबिक मीटर प्रति सेकेंड की दर से हवा को शुद्ध कर सकता है।