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कमजोर छात्रों को गोद लेकर अकादमिक प्रदर्शन सुधारेंगे शिक्षक

कक्षा नौवीं और 11वीं की पूरक परीक्षाओं का परिणाम भी जारी हो चुका है। इसमेें ज्यादातर छात्रों को अनुग्रह अंक (ग्रेस मार्क्स) असाइनमेंट और प्रोजेक्ट के आधार पर पास किया गया हैं। दरअसल निदेशालय ने इस साल पूरक परीक्षा में छात्रों से प्रोजक्ट व असाइनमेंट जमा करने को कहा था।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 08:01 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 08:01 PM (IST)
कमजोर छात्रों को गोद लेकर अकादमिक प्रदर्शन सुधारेंगे शिक्षक
अकादमिक प्रदर्शन सुधारने के लिए सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को तीन से चार छात्रों को गोद लेना होना होगा।

नई दिल्ली [ रीतिका मिश्रा]। शिक्षा निदेशालय इस सत्र यानि 2019-20 के लिए सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा तीन से नौ और कक्षा 11वीं के छात्रों की वार्षिक परीक्षाओं का परिणाम पहले ही ऑनलाइन जारी कर चुका है। इसके साथ ही कक्षा नौवीं और 11वीं की पूरक परीक्षाओं का परिणाम भी जारी हो चुका है। इसमेें ज्यादातर छात्रों को अनुग्रह अंक (ग्रेस मार्क्स), असाइनमेंट और प्रोजेक्ट के आधार पर पास किया गया हैं। दरअसल, निदेशालय ने इस साल कोरोना महामारी के चलते पूरक परीक्षा में छात्रों से प्रोजक्ट व असाइनमेंट जमा करने को कहा था।

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इसके तहत छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने की योजना थी। इस योजना के तहत कक्षा नौवीं और 11वीं के छात्रों को कक्षा 10वीं और 12वीं में प्रोन्नत किया गया है। लेकिन, जो छात्र प्रोन्नत किए गए हैं वो अन्य औसत छात्रों के मुकाबले अकादमिक रूप से अभी भी कमजोर हैं। उन्हें कक्षा के अन्य छात्रों के मुकाबले विषयों को समझने में अत्यंत ध्यान और देखभाल की जरूरत है।

ऐसे सभी छात्रों को शैक्षणिक सहायता देने के लिए और उनका अकादमिक प्रदर्शन सुधारने के लिए सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को तीन से चार छात्रों को गोद लेना होना होगा। इसके बाद शिक्षक इनकी अकादमिक प्रगति की निगरानी करेंगे और जरूरत पड़ने पर समय-समय पर इन्हें भावनात्मक और सामाजिक रूप से समर्थन देंगे।

इसके अलावा किसी शिक्षक द्वारा गोद लिए गए छात्र को अगर किसी विषय में परेशानी होती है तो शिक्षक को उस विषय को समझाने के लिए भी अलग से सहायता करनी होगी। इसके लिए शिक्षक छात्रों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं भी ले सकते हैं या समय-समय पर उनको विषय से संबंधित गतिविधियां करा सकते हैं। वहीं, शिक्षकों को छात्रों का एक रिकॉर्ड भी तैयार करना होगा। इसमें छात्रों के समस्या क्षेत्रों और सुधार के लिए शिक्षकों द्वारा उपयोग की जाने वाली रणनीति के बारे में स्पष्ट रूप से उल्लेख करना होगा। वहीं, स्कूल के प्रधानाचार्य भी छात्रों की इस प्रगति की नियमित निगरानी करेंगे।

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