प्रशिक्षण से चूके स्कूली शिक्षकों को मिलेंगे दो और मौके, दिशा-निर्देश जारी
शिक्षक इस महीने के अंत में होने वाली परीक्षा या फिर फरवरी में आयोजित होने वाली अंतिम परीक्षा में शामिल होकर अपने प्रशिक्षण कोर्स को पूरा कर सकते है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। स्कूलों में पढ़ा रहे लाखों अप्रशिक्षित शिक्षकों को मार्च 2019 तक प्रशिक्षित करने में जुटी सरकार अब इसे लेकर किसी भी तरह की कोताही बरतने को तैयार नहीं है। यही वजह है कि जो शिक्षक पहली परीक्षा में शामिल नहीं हो सके थे, उन्हें दो और मौका देने का फैसला लिया गया है। इसके तहत वह सितंबर यानि इस महीने के अंत में होने वाली परीक्षा या फिर फरवरी में आयोजित होने वाली अंतिम परीक्षा में शामिल होकर अपने प्रशिक्षण कोर्स को पूरा कर सकते है। यह पूरा प्रशिक्षण ऑन लाइन दिया जा रहा है।
दिशा-निर्देश जारी
शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के काम में जुटी मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़ी संस्था राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान (एनआईओएस) ने इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी किए है। हालांकि अंतिम मौके के रुप में फरवरी में आयोजित होने वाली परीक्षा सभी राज्यों की राजधानी में होगी। जिसे लेकर अभी से तैयारी शुरु कर दी गई है। वहीं प्रशिक्षण के लिए वीडियो के जरिए करीब डेढ़ हजार घंटे की अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई गई है। एनआईओएस ने यह फैसला तब लिया है, जब नामांकित किए गए अप्रशिक्षित शिक्षकों में से बड़ी संख्या में शिक्षकों ने पहली परीक्षा में हिस्सा नहीं लिया।
शिक्षक का प्रशिक्षित होना अनिवार्य
इस प्रशिक्षण को लेकर सरकार उत्साहित है, क्योंकि वह इससे यह संदेश भी देना चाहती है, कि जो काम यूपीए सरकार पांच साल में नहीं पूरा कर पायी, उसे वह दो साल में पूरा करने जा रही है। अनिवार्य शिक्षा अधिकार के तहत स्कूलों में पढ़ाने वाले (निजी और सरकारी दोनों) प्रत्येक शिक्षक का प्रशिक्षित होना अनिवार्य है। यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2010 में इसे लागू किया गया था। साथ ही लक्ष्य तय किया गया था, कि अगले पांच सालों में सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित कर दिया जाएगा। जो नहीं हो पाया। एनआईओएस के आंकलन के मुताबिक मौजूदा समय में देश भर में करीब 13 लाख शिक्षक अप्रशिक्षित है।