विधायक व मंत्री ने दिए निर्देश, चाय वाले को नहीं मिला न्याय, छूट चुकी है बेटी की पढ़ाई
नीरज के पास रोजगार नहीं होने तथा उसको रकम नहीं मिलने से वह बेटी के स्कूल की फीस नहीं भर सका जिससे उसकी बेटी की पढ़ाई छूट गई।
गुरुग्राम [जेएनएन]। लघु सचिवालय में आने-जाने वाले तथा अफसरों व कर्मचारियों को चाय पिलाने वाला लक्ष्मण विहार निवासी नीरज दूध व चाय की रकम (दो लाख सत्रह हजार रुपये) पाने के लिए दो साल से दर-दर भटक रहा है। उपायुक्त कार्यालय में तैनात रहे एक कर्मचारी पर रकम हड़पने का आरोप लगाने वाले नीरज ने बकाया रकम मांगने के लिए पहले उपायुक्त कार्यालय के चक्कर लगाए मगर उसकी समस्या का समाधान नहीं हुआ।
बेटी के स्कूल की फीस नहीं गई
थक हार कर पीड़ित ने विधायक उमेश अग्रवाल को अपनी पीड़ा बताई तो विधायक ने उपायुक्त कार्यालय को पत्र लिखकर नीरज को रकम दिलाने के लिए कहा था। मगर उस पत्र पर कुछ नहीं हुआ। इधर नीरज के पास रोजगार नहीं होने तथा उसको रकम नहीं मिलने से वह बेटी के स्कूल की फीस नहीं भर सका जिससे उसकी बेटी की पढ़ाई छूट गई।
परिवार परेशान है
परेशान होकर नीरज ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा से मुलाकात कर अपनी पीड़ा बताई। मंत्री ने अपने लेटर हेड पर उपायुक्त के नाम पत्र लिखकर कहा कि नीरज की समस्या का उचित समाधान किया जाए। नौ अप्रैल को लिखे पत्र के बाद भी प्रशासन की ओर से पीड़ित की बात नहीं सुनी गई है। जिससे नीरज व उसका परिवार परेशान है। उल्टे उसे उस कर्मचारी की ओर से धमकी दी जा रही जिसने लघु सचिवालय की पांचवी मंजिल पर वर्ष 2005 में चाय की दुकान लगवाई थी।
दो लाख सत्रह हजार की रकम बकाया
बकौल नीरज कर्मचारी उससे किराए के साथ-साथ बिजली का बिल भी लेता था। यहीं नहीं उससे चाय के अलावा रोजाना कई लीटर दूध भी लिया जाता था। कुल दो लाख सत्रह हजार की रकम बकाया है। मांगने पर दो साल पहले उसकी दुकान को जबरन हटा दूसरे दुकानदार को बैठा दिया गया। इस बारे में प्रशासन का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।
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