इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर होगा टैक्सी बोट का ट्रायल
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) का दावा है कि आइजीआइ टैक्सी बोट का प्रयोग करने वाला विश्व का पहला एयरपोर्ट होगा।
नई दिल्ली (संतोष शर्मा)। विमान ईंधन की बचत और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आइजीआइ) पर टैक्सी बोट की शुरुआत होने जा रही है। इससे टर्मिनल गेट से विमान को खड़ा करने के लिए पार्किग बे पर आसानी से ले जाया जा सकेगा। इस दौरान विमान का इंजन बंद रहेगा। अत्याधुनिक तकनीक से बनी इस टैक्सी बोट में अन्य सुविधाएं भी होंगी, जिनसे विमान को बेहतर तरीके से खड़ा करने में मदद मिलेगी।
आइजीआइ एयरपोर्ट पर आगामी सितंबर से इसका ट्रायल शुरू होगा। तीन माह तक चलने वाले ट्रायल रन के लिए दो टैक्सी बोट लाने का करार हुआ है। ट्रायल सफल होने पर आगामी चार वर्षो में 15 टैक्सी बोट मंगाई जाएंगी। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) का दावा है कि आइजीआइ टैक्सी बोट का प्रयोग करने वाला विश्व का पहला एयरपोर्ट होगा।
वर्तमान में अन्य एयरपोर्ट से आने पर यात्रियों को उतारकर पायलट विमान को पार्किंग वे पर ले जाते हैं। इस दौरान विमान का इंजन चालू रहता है। इसमें काफी ईंधन की खपत होती है। वहीं, ईंधन जलने से वातावरण में भारी मात्र में कार्बन का उत्सर्जन भी होता है। साथ ही विमान संचालन में आने वाली कुल लागत का एक तिहाई खर्च ईंधन पर होता है।
इसके मद्देनजर एयरपोर्ट संचालक कंपनी डायल ने टैक्सी बोट के इस्तेमाल का निर्णय लिया है। इसका विकास इजरायली कंपनी इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री (आइएआइ) ने किया है, जबकि केएसयू एविएशन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी इसे भारत लेकर आ रही है।
डायल अधिकारियों ने बताया कि यह टैक्सी बोट सेमी रोबोटिक और पूरी तरह से पायलट द्वारा संचालित होगी। टैक्सी बोट विमान को उठा इसके नोज व्हील को जकड़ लेगी। बाद में पायलट विमान के इंजन का प्रयोग किए बिना उसे टर्मिनल के गेट से पार्किग बे पर ले जा सकेंगे।
इस दौरान विमान के ईंधन में 85 फीसद की बचत होगी। बता दें कि वर्तमान में एयरपोर्ट पर रोजाना करीब 950 उड़ानों का संचालन किया जाता है। 65 एयरलाइंस 130 गंतव्य के लिए सेवाएं देती हैं। इसमें प्रतिदिन डेढ़ लाख यात्री यात्र करने के अलावा कार्गो विमान से सैकड़ों टन कार्गो लाया और ले जाता है।
ध्वनि प्रदूषण में भी आएगी कमी
डायल प्रवक्ता का कहना है कि आइजीआइ का पर्यावरण के प्रति अनुकूल तकनीक के प्रयोग पर जोर रहा है। टैक्सी बोट की शुरुआत से ईंधन बचत और ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आएगी। विमान संचालन के दौरान ज्यादा सुरक्षित माहौल पैदा होने के साथ ही पर्यावरण और बेहतर करने में मदद मिलेगी।