ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर दिव्यांगों के हुनर को मिल रही पहचान, पब्लिक बोल रही 'वाह हिंदुस्तान'
दिव्यांग अपनी शारीरिक कमजोरी को पीछे छोड़ते हुए विदेश में जाकर भी अपने देश की संस्कृति का परचम लहरा चुके हैं।
नई दिल्ली, रितु राणा। मन में विश्वास व हौसले हों बुलंद तो शारीरिक कमजोरी भी हमें कामयाब होने से नहीं रोक सकती। यह बात वी आर वन संस्था ने सिद्ध कर दिखाई है। इस संस्था से जुड़े सभी दिव्यांग अपनी शारीरिक कमजोरी को पीछे छोड़ते हुए विदेश में जाकर भी अपने देश की संस्कृति का परचम लहरा चुके हैं। वहीं, अब कोरोना काल में यह दूसरे दिव्यांगों के हुनर को भी तराशने का काम कर रहे हैं।
मधु विहार स्थित वी आर वन संस्था के संस्थापक हुसैन की संस्था स्पेशल व दिव्यांग बच्चों को कुछ कर गुजरने का मौका देती है। हुसैन सहित टीम के अन्य लोग गुलशन, विजय कुमार, अर्जुन, हरबीर, सचित, इसराइल, पार्थ, लवनीश, मीशू, लक्ष्मी, करूणा सरकार, प्रिया सभी दिव्यांग हैं।
हुसैन ने बताया कि वह देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर सांस्कृतिक समावेश का प्रदशर्न करते हैं। वह चाहते हैं कि सभी दिव्यांग समाज में गौरव, समानता और सश्क्त होकर जिएं, इसके लिए वह प्रतिभाशाली दिव्यांगों को अपनी संस्था से जोड़कर उनके हुनर को तराशने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था सिर्फ दिव्यांगों के लिए 30 सितंबर तक ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित कर रही है, जिसके लिए रजिस्ट्रेशन भी निशुल्क है।
कोरोना काल में दिव्यांगों के हुनर को दे रहे मौका
संस्था के सदस्य गुलशन ने बताया कि कोरोना में सभी लोग घर पर बैठे हैं ऐसे में उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से दिव्यांगों के लिए यह प्रतियोगिता आयोजित करने का विचार बनाया। जिससे घर बैठे-बैठे वह आसानी से भाग ले सकें, इससे वह प्रोत्साहित भी होंगे और उनका मनोरंजन भी हो जाएगा।
प्रतियोगिता को दो कैटेगिरी में बांटा गया है। पहली कैटेगिरी में छह वर्ष से लेकर 17 वर्ष और दूसरी कैटेगिरी में 18 वर्ष से लेकर 45 वर्ष तक की आयु के लोग भाग ले रहे हैं। यह प्रतियोगिता की राउंड में आयोजित हो रही है। विजेता को पांच हजार व सबसे अद्भुत व आकर्षक प्रस्तुति के लिए 2500 रुपये का इनाम दिया जाएगा। 30 सितंबर को विजेताओं की घोषणा की जाएगी।
देश विदेश से दिव्यांग ले रहे भाग इस
इस प्रतियोगिता में देश-विदेश से दिव्यांग बड़े ही उत्साह से भाग ले रहे हैं। उनके नृत्य की जोरदार प्रस्तुति हर किसी को आकर्षित कर रही है। उनकी मधुर आवाज का जादू मदहोश करने वाला है। अपनी दिव्यांगता तो मात देकर सभी प्रतिभागी एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दे रहे हैं। इतना ही नहीं जो लोग बोल व सुन नहीं सकते वह भी बस अपनी धड़कनों की महसूस कर जबरदस्त व शानदार सुंदर नृत्य प्रस्तुत कर रहे हैं। इस प्रतियोगिता में छह सात के बच्चे से लेकर 50-55 वर्ष की आयु के लोग भी भाग ले रहे हैं।
हुसैन ने बताया कि उम्र सिर्फ एक अंक है इसलिए उन्होंने इस प्रतियोगिता में उम्र की कोई सीमा नहीं रखी है 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोग भी इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि नृत्य दिल से किया जाता है, इसके लिए गीत संगीत की भी जरूरत नहीं बस अपनी धड़कनों को महसूस करते हुए झूमते जाओ। प्रतियोगिता में दिल्ली सहित बिहार, झारखंड, उत्तर-प्रदेश व सिंगापुर से भी लोग भाग ले रहे हैं। अब तक देश-विदेश से करीब 30 दिव्यांग लोग अपने ऑडिशन वीडियो भेज चुके हैं।
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