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Nizamuddin Markaz: मौलाना साद व सहयोगियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार, जल्द होगी दाखिल

28 मार्च को मुकदमा दर्ज होने के बाद ही मौलाना मुहम्मद साद समेत उसके सभी सहयोगी मरकज छोड़ फरार हो गए थे। क्राइम ब्रांच ने साद को पूछताछ में शामिल होने व मरकज को लेकर जानकारी देने के लिए शुरू में चार बार नोटिस भेजा था।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 18 Dec 2020 07:43 AM (IST)Updated: Fri, 18 Dec 2020 07:43 AM (IST)
Nizamuddin Markaz: मौलाना साद व सहयोगियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार, जल्द होगी दाखिल
जमात प्रुमुख मौलाना मुहम्मद साद की फाइल फोटो

नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। देश में कोरोना को लेकर बड़ा संकट खड़ा करने वाले मरकज के प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद व उसके 10 से अधिक सहयोगियों के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने आरोप पत्र तैयार कर लिया है। चार्जशीट को मंजूरी के लिए आला अधिकारी के पास भेज दिया गया है। वहां से मंजूरी मिलते ही अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिया जाएगा।

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नौ महीने बाद भी साद व उसके सहयोगियों को गिरफ्तार न किए जाने से माना जा रहा है कि बिना गिरफ्तारी के ही क्राइम ब्रांच इनके खिलाफ आरोप पत्र दायर कर सकती है। 28 मार्च को दर्ज की गई एफआइआर में क्राइम ब्रांच ने साद के अलावा प्रबंधन से जुड़े छह सहयोगियों मुहम्मद अशरफ, मुफ्ती शहजाद, डॉ. जीशान, मुर्शलीन सैफी, यूनुस व मुहम्मद सलमान को आरोपित बनाया था। ये सभी मरकज के मौलाना हैं। जांच में पुलिस को साद के छह ऐसे सहयोगी मिले जो किसी न किसी रूप में सहयोग करते थे। इन सभी को पता था कि विदेशों में कोरोना महामारी फैल चुकी है, बावजूद इसके 10 हजार से अधिक विदेशी जमातियों को मरकज में बुलाकर समारोह आयोजित किया गया।

सूत्रों की मानें तो इन्हीं कारणों से साद के अलावा उसके 12 से अधिक खास सहयोगियों के खिलाफ आरोप पत्र तैयार किया गया है। क्राइम ब्रांच जहां मरकज में जानबूझ कर समारोह आयोजित करने व विदेशी जमातियों को बुलाकर देश में कोरोना फैलाने की साजिश रचने के मामले की जांच कर रही है। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय मरकज को हर साल विदेशों से अवैध रूप से मिलने वाले करोड़ों रुपये की फं¨डग मामले की जांच कर रही है।

मरकज में ठहरे 36 देशों के 908 विदेशी जमातियों के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने देश में कोरोना फैलाने आदि कई धाराओं में अलग से मुकदमा दर्ज किया था। उनके खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया गया और कोर्ट में ट्रायल पूरा होने के बाद उन्हें वापस उनके देश भेज दिया था।

मार्च में हुआ था फरार

28 मार्च को मुकदमा दर्ज होने के बाद ही मौलाना मुहम्मद साद समेत उसके सभी सहयोगी मरकज छोड़ फरार हो गए थे। क्राइम ब्रांच ने साद को पूछताछ में शामिल होने व मरकज को लेकर जानकारी देने के लिए शुरू में चार बार नोटिस भेजा था। कई बार क्राइम ब्रांच व प्रवर्तन निदेशालय ने मरकज व उत्तर प्रदेश के शामली स्थित उसके फार्म हाउस पर छापेमारी की, लेकिन दोनों ही एजेंसी ने अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया।

पत्नी के जरिये मरकज खुलवाने की कोशिश कर चुका है मौलाना मुहम्मद साद

एक अप्रैल को मरकज को खाली कराने के बाद क्राइम ब्रांच ने उसे जांच के लिए सील कर दिया था, जो अब तक बंद पड़ा है। साद ने पत्नी खालिदा बेगम के जरिये मरकज को खुलवाने के लिए दो बार साकेत कोर्ट का दरवाजा खटखटाया किंतु पुलिस के विरोध के कारण नहीं खुल सका। 28 से 30 मार्च तक जिस समय मरकज को खाली कराया गया था। उसके अंदर से 2,361 जमाती निकाले गए थे। उनमें 617 की तबीयत खराब थी, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। बाकी को क्वारंटाइन कर दिया गया था। जांच में 24 जमाती कोरोना संक्रमित पाए गए थे। बाद में वहां ठहरे सभी कोरोना संक्रमित पाए गए।

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