कोराना से जंग में इंसानी परेशानियां देख रो पड़े जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी
नमाज-ए-जुमा के बाद तकरीर में मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने रूंधे गले से लोगों से इस बीमारी को गंभीरता से लेने और लॉकडाउन का पालन करने की अपील की है।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ जंग में इंसानी परेशानियां देख जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी शुक्रवार को रो पड़े। नमाज-ए-जुमा के बाद तकरीर में उन्होंने रूंधे गले से लोगों से इस बीमारी को गंभीरता से लेने और लॉकडाउन का पालन करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि ये जंग है, पर इसे लड़ने के लिए हमारे पास हथियार (वैक्सीन) नहीं है। ऐसे में ये कब तक चलेगा, किसी को नहीं पता है। इस बीमारी ने मुल्क के हर इंसान को हिलाकर रख दिया है, लेकिन मजबूर हैं।
लॉकडाउन को फौरन खत्म करने पर तेजी से फैल सकती है बीमारी
इस लॉकडाउन को अगर फौरन खत्म कर दिया जाता है तो जिस तरह यह बीमारी तेजी से फैल रही है और उसमें विशेषज्ञ बता रहे हैं कि यह जून -जुलाई में ज्यादा फैलेंगी। तो इस लॉकडाउन को जारी रखना हुकुमत की मजबूरी है ताकि इंसानी जानों को बचाया जा सके। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जो भी स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं, उसे सभी गंभीरता के साथ अमल में लाएं। नहीं तो ये हमारी मौत का कारण बनेगा।
बरतनी होगी बहुत ऐहतियात
हमें बहुत ऐहतियात रखनी है। ईद के मौके पर भी इस का ख्याल रखना है। हमें सड़कों पर नहीं निकलना है। लोगों को घर जाने से बचना है। हाथ और गले नहीं मिलना है। यह लंबी जंग है। वायरस जल्द खत्म होने वाला नहीं है। इसमें वक्त लगेगा। ऐसे में इसके लिए हमें तैयार रहना होगा। अपने तकरीर में बुखारी ने मजदूरों के पैदल पलायन पर चिंता जताते हुए गृह मंत्री अमित शाह व स्वास्थ्य मंत्री डा हर्षवर्धन से हस्तक्षेप का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस बाबत वह गृह मंत्री से मिलने की भी कोशिश करेंगे। साथ ही स्थानीय प्रशासन से हालात को देखते हुए चांदनी महल इलाके को रेड जोन से बाहर करने का आग्रह भी किया है।