हस्तसाल गांव स्थित सरकारी स्कूल में 12 साल बाद शुरू होगा तरणताल
शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता उप शिक्षा निदेशक (खेल) संजय अंबष्ट और दक्षिण-पश्चिम व पश्चिमी जिले में खेल विभाग के नोडल आफिसर राजेश सहरावत ने हाल ही में विद्यालय का दौरा कर तरणताल की मरम्मत कार्य का निरीक्षण किया था।
नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। 12 साल के बाद हस्तसाल गांव स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आखिरकार तरणताल की (स्वीमिंग पूल) सुविधा को जल्द शुरू किया जाएगा। 2010 में राष्ट्रपति फंड पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने तरणताल का निर्माण किया था, पर निर्माण के बाद कुछ तकनीकी खामियों के चलते यह कभी शुरू नहीं हो पाया। हालांकि इन 12 सालों में कई बार इस तरणताल को शुरू करने की बात को शिक्षा विभाग के समक्ष रखा गया। पर विलंब से ही सही अब इस तरणताल की सुध लेते हुए इसे नए सिरे से तैयार करने की कवायद को शुरू किया गया है, ताकि यहां से देश को उम्दा तैराक दिए जा सकें।
मरम्मत के काम का हुआ था निरीक्षण
शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता, उप शिक्षा निदेशक (खेल) संजय अंबष्ट और दक्षिण-पश्चिम व पश्चिमी जिले में खेल विभाग के नोडल आफिसर राजेश सहरावत ने हाल ही में विद्यालय का दौरा कर तरणताल की मरम्मत कार्य का निरीक्षण किया था। हिमांशु गुप्ता ने तरणताल को जल्द से जल्द शुरू करने का आश्वासन दिया है। बता दें, विकासपुरी विधानसभा में यह एकमात्र विद्यालय है, जहां तरणताल की सुविधा है। इसके अलावा क्षेत्र के अंतर्गत नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र स्थित दिचाऊं कलां गांव में तरणताल है।
54 लाख का बजट
राजेश सहरावत ने बताया कि तरणताल की मरम्मत के लिए 54 लाख का बजट पारित किया गया है। पीडब्ल्यूडी का सिविल व बिजली विभाग दोनों मिलकर तरणताल को जल्द से जल्द शुरू करने की कोशिश में जुटा हैं। जल्द तरणताल नए स्वरूप में नजर आएगा।
दिन ढलने के बाद भी हो सकेगा अभ्यास
तरणताल की फर्श को दुरुस्त करने से लेकर शेड, जलापूर्ति व जलशोधन तंत्र आदि सब कुछ दुरुस्त किया जा रहा है। इसके अलावा तरणताल के आसपास पर्याप्त रोशनी के लिए लाइटें लगाई जा रही है ताकि दिन ढलने के बाद भी अभ्यास को जारी रखा जा सके। यह तरणताल 25 मीटर लंबा और 12.5 फीट चौड़ा है। इसकी गहराई साढ़े तीन फीट से लेकर छह फीट है। इसमें आठ लेन हैं, यानि एक समय में आठ विद्यार्थी इस तरणताल में उतर सकेंगे।
सरकारी स्कूलों के छात्रों को मिलेगा अभ्यास का मौका
खास बात यह है कि आसपास के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को भी यहां अभ्यास करने का अवसर दिया जाएगा। तैराकी में प्रशिक्षण के लिए यहां प्रशिक्षक की भी नियुक्ति की जाएगी। दो जीवनरक्षक को भी नियुक्त किए जाने की योजना है। तरणताल शुरू होने से हजारों विद्यार्थियों को इसका लाभ मिलेगा और उनमें खेल भावना पैदा होगी। राजेश सहरावत ने बताया कि तैराकी वास्तव में एक कला होने के साथ ही इससे अच्छा व्यायाम भी हो जाता है। तरणताल के पुन: निर्माण की बात से ही विद्यार्थियों में उत्साह का माहौल है। वे तैराकी सीखने का मन बना रहे है।