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सूरजकुंड मेला : धान से बना नौलखा हार व जूलरी कर रही लोगों को आकर्षित

आपने सोना-चांदी के साथ हीरे के गहने पहने होंगे। विभिन्न प्रकार के पत्थरों से बनी जूलरी भी इस्तेमाल की होगी, लेकिन शायद ही कभी धान की जूलरी आनंद लिया हो।

By Edited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 06:19 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 03:20 PM (IST)
सूरजकुंड मेला : धान से बना नौलखा हार व जूलरी कर रही लोगों को आकर्षित
सूरजकुंड मेला : धान से बना नौलखा हार व जूलरी कर रही लोगों को आकर्षित

फरीदाबाद [अभिषेक शर्मा]।  आपने सोना-चांदी के साथ हीरे के गहने पहने होंगे। विभिन्न प्रकार के पत्थरों से बनी जूलरी भी इस्तेमाल की होगी, लेकिन शायद ही कभी धान की जूलरी का आनंद लिया हो। सूरजकुंड मेले में धान के दानों से बने नौलखा हार, ईयर रिंग, टॉप्स और तरह-तरह के आभूषण लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं।

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अरावली की वादियों में चल रहे सूरजकुंड हस्त शिल्प मेले में लगे एक स्टॉल पर सिर्फ धान से बनी जूलरी ही देखने को मिल रही हैं। पश्चिमी बंगाल के कोलकाता निवासी पुतुल दास मित्रा ने इस कला की खोज की है। पुतुल दास मित्रा बताती हैं कि यह जूलरी पूरी तरह से वॉशेबल हैं।

इनको प्रयोग करने के बाद ब्रश से धोया भी जा सकता है। यही नहीं पांच सालों तक इस जूलरी में टूटने-फूटने की भी दिक्कत नहीं आती। स्टॉल पर 80 रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक की जूलरी उपलब्ध हैं। लक्ष्मी पूजन से आया आइडिया पुतुल दास ने बताया कि धान से जूलरी को बनाने का आइडिया वर्ष 2007 में आया।

हमारे यहां दीपावली में पारंपरिक तौर पर धान आदि से मां लक्ष्मी का श्रृंगार किया जाता है और एक साल तक मूर्ति को पूजा घर में रख दिया जाता है। उसे देखकर धान से कुछ क्रिएटिविटी करने का विचार आया। करीब छह महीने के कठिन परिश्रम के बाद धान के दानों से राखी बनाई, जिसकी बड़ी तारीफ हुई।

उन्होंने बताया कि धान से बनी जूलरी का प्रदर्शन भारत में ही नहीं बल्कि अमेरिका, चीन, ब्राजील, अफ्रीका, फ्रांस, इटली, ब्रिटेन सहित कई देशों में कर चुकी हैं। दूसरो को भी देती हैं प्रशिक्षण पुतुल दास ने बताया कि भारत में उनके अलावा धान की जूलरी बनाने का प्रशिक्षण कोई और नहीं देता है।

उनके साथ इस कार्य को 16 युवतियां कर रही हैं। उनसे प्रशिक्षण प्राप्त करके कई लोगों ने अपना रोजगार भी शुरू किया है। उनकी कला से प्रभावित होकर पश्चिम बंगाल ने वर्ष 2002 में राज्य पुरस्कार और वर्ष 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा ताज महोत्सव 2014 में बेस्ट आर्टिस्ट, त्रिपुरा सरकार द्वारा 2007 में बेस्ट क्राप्ट पर्सन अवार्ड आदि से नवाजा जा चुका है।


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