दिल्ली के लाखों कारोबारियों को झटका, SC की दो टूक- नहीं रुकेगी सीलिंग की कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट ने सीलिंग के मामले में सुनवाई करते हुए साफ कहा है कि अनाधिकृत निर्माण की सीलिंग और ध्वस्त करने का काम लगातार जारी रहेगा।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली में अवैध निर्माण के खिलाफ सीलिंग और ढहाने की कार्रवाई जारी रहेगी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि अवैध निर्माण के खिलाफ सीलिंग और ढहाने की कार्रवाई जारी रहे। कोर्ट ने ये आदेश तब दिया जब केन्द्र सरकार की ओर से कहा गया कि उसने नगर निगम आदि दिल्ली की एजेंसियों को अवैध निर्माण के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई रोकने या धीमी करने के कभी निर्देश नहीं दिये।
मामला दर्ज किया जाए
मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति मदन वी लोकूर व दीपक गुप्ता की पीठ ने ये भी निर्देश दिये कि जहां कहीं भी अवैध निर्माण होते दिखे तत्काल उस पर कार्रवाई की जाए उसे रोका जाए और मामला दर्ज किया जाए। कोर्ट ने कहा कि इसमें बहुत देर करने की जरूरत नहीं है 48 घंटे का नोटिस दिया जाए और फिर कार्रवाई की जाए।
डिजिटल मैपिंग की संभावनाएं तलाशी जाएं
कोर्ट ने कहा है कि अवैध निर्माण के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई करने गए अधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा दी जाए। इसके अलावा कोर्ट ने केन्द्र सरकार से अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार बिल्डर, ठेकेदार और आर्किटेक्ट को ब्लैक लिस्ट करने के बावत दो सप्ताह में गाइड लाइन बनाने पर विचार करने को कहा है। कोर्ट ने स्पेशल टास्क फोर्स को अवैध निर्माण की निगरानी करने के साथ कहा कि डिजिटल मैपिंग की संभावनाएं तलाशी जाएं और इसमें इसरो और एनआईसी की मदद ली जा सकती है।
131 मामलों में कार्रवाई की गई
सुनवाई के दौरान केन्द्र की ओर से अटार्नी जनरलर केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि डीडीए ने गत 9 जुलाई को एक ऐप लांच किया है जिस पर दिल्ली के लोग अवैध निर्माण की शिकायत कर सकते हैं। अब तक कुल 431 शिकायतें मिली हैं और 131 मामलों में कार्रवाई की गई है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ऐप का पर्याप्त प्रचार होना चाहिए ताकि लोगों को इसके बारे में पता चल सके।
ऑफिस आर्डर के हिसाब से काम होना चाहिए
वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि काम हो रहा है। नोडल अधिकारी को इंचार्ज बनाया गया है। जोन में किसी अवैध निर्माण की जिम्मेदारी नोडल अधिकारी की होगी। उन्होंने कहा कि डीडीए ने गत 23 मई को एक ऑफिस आर्डर निकाला है। कोर्ट ने कहा कि उस ऑफिस आर्डर के हिसाब से काम होना चाहिए।
मिंटो रोड पर बस पूरी तरह डूबी थी
सुनवाई के दौरान पीठ ने टिप्पणी में कहा कि कुछ दिन पहले अखबारों में देखा कि दिल्ली के मिंटो रोड पर बस पूरी तरह डूबी थी। मुंबई में गड्ढों की वजह से लोगों की मौत हो रही है। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में जो हुआ वो ये दर्शाता है कि सरकारी तंत्र कैसे काम करता है।
पीठ ने जताई नाराजगी
जब वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली में 1130 अर्जियां डीसीलिंग के लिए प्राप्त हुई हैं और उनमें से 405 परिसरों को डीसील किया गया है। इस पर पीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आपके अधिकारी क्या कर रहे थे। क्या वे सो रहे थे। आपका कहना है कि 405 परिसरों को नियमों का उल्लंघन न पाते हुए डीसील किया गया लेकिन बाकी के 700 का क्या।
695 किलोमीटर सड़क पर अतिक्रमण
कोर्ट के आदेश के बाद अवैध निर्माण और अतिक्रमण की निगरानी के लिए गठित टास्क फोर्स के हलफनामे का हवाला देते हुए पीठ ने कहा कि दिल्ली में करीब 695 किलोमीटर सड़क पर अतिक्रमण है। ये कैसे हुआ क्या अधिकारी आंखे मूंदे बैठे थे। वेणुगोपाल ने कहा कि दिल्ली में दशकों से अतिक्रमण चल रहा है। कोर्ट ने सीलिंग के दौरान अधिकारियों के काम में बाधा डालने के लिए नजफगड़ जोन के वार्ड कमेटी चेयरमैन मुकेश सूर्यम को नोटिस जारी कर निजी तौर पर पेश होने का आदेश दिया है।