आम्रपाली बिल्डर को सुप्रीम कोर्ट का एक और झटका, 15 दिन की बढ़ी पुलिस हिरासत
आम्रपाली ग्रुप के तीनों निदेशकों का दशहरा इस बार पुलिस हिरासत में मनेगा। SC ने तीनों की हिरासत 15 दिन बढ़ा दी। आम्रपाली को फॉरेंसिक ऑडिट के लिए 46 कंपनियों के दस्तावेज देने हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। आम्रपाली समूह के निदेशकों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को मामले में सुनवाई करते हुए बिल्डर को एक बार फिर झटका दिया है। आम्रपाली के तीनों निदेशक अनिल शर्मा, शिवप्रिया व अजय कुमार का दशहरा इस बार पुलिस अभिरक्षा में ही मनेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को तीनों की पुलिस हिरासत 15 दिन के लिए बढ़ा दी है। अगर इस दौरान भी बिल्डर फॉरेंसिक ऑडिट संबंधी सभी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराता है तो तीनों निदेशकों को इस बार जेल में दिवाली मनानी पड़ सकती है। सुप्रीम कोर्ट पहले भी बिल्डर को जेल भेजने की चेतावनी दे चुका है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि तीनों निदेशक पुलिस निगरानी मे रहकर अपने ग्रुप की 46 कंपनियों के दस्तावेज़ों का केटलाग तैयार करके फ़ारेंसिक आडिटर्स को सौंपेंगे। वे रोज़ सुबह 8 से शाम 6 बजे तक दस्तावेज़ों का केटलाग बनवाएँगे। इसके बाद पुलिस निगरानी मे नोएडा के सेक्टर-62 स्थित होटल मे रहेंगे।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तीनों निदेशकों को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था। तीनों निदेशकों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार फॉरेंसिक ऑडिट के लिए अपने प्रोजेक्टों से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध न कराने का आरोप है। मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के निदेशकों समेत कुछ अन्य अधिकारियों को कोर्ट की अवमानना का नोटिस भी भेजा है।
तीन दिनों तक नोएडा व दिल्ली पुलिस की हिरासत में रहने के दौरान फॉरेंसिक ऑडिट संबंधी सभी दस्तावेज एकत्र नहीं हो सके हैं। बृहस्पतिवार को पुलिस ने तीनों निदेशकों को कोर्ट में पेश कर संबंधित दस्तावेज एकत्र करने के लिए और समय मांगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने तीनों निदेशकों को फिर से 15 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। मालूम हो कि आम्रपाली समूह को फॉरेंसिक ऑडिट के लिए अपनी 46 कंपनियों के दस्तावेज ऑडिटर को उपलब्ध कराने हैं।
बुधवार को रात भर दस्तावेज खंगाली रही थी पुलिस
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुलिस हिरासत में रखे गए आम्रपाली समूह के निदेशकों अनिल शर्मा, शिवप्रिया और अजय कुमार को लेकर बुधवार देर रात पुलिस नोएडा पहुंची। पुलिस ने देर रात आम्रपाली समूह के नोएडा व ग्रेटर नोएडा में मौजूद कई ठिकानों और ऑफिसों पर छापेमारी की। रात भर पुलिस इनके ठिकानों से फॉरेंसिक ऑडिट से संबंधित दस्तावेज खंगालती रही।
पुलिस सबसे पहले तीनों निदेशकों को लेकर आम्रपाली के नोएडा सेक्टर-62 स्थित कॉरपोरेट ऑफिस पहुंची। पुलिस ने यहां काफी देर तक पूरे दफ्तर की छानबीन कर संबंधित दस्तावेज जमा करने का प्रयास किया। इसके बाद पुलिस तीनों निदेशकों को नोएडा व ग्रेटर नोएडा के अन्य ऑफिसों में भी संबंधित दस्तावेज जमा करने के लिए साथ ले गई।
एसपी सिटी सुधा सिंह ने बताया कि नोएडा पुलिस ने नोएडा के सेक्टर-45 स्थित सफायर (फेज-1 व 2), सेक्टर-50 स्थित हार्टबीट सिटी, सेक्टर-120 स्थित ईडन पार्क, जोडिएक, सेक्टर-119 प्लैटिनम और सेक्टर-76 स्थित सिलिकॉन और प्रिंसले प्रोजेक्ट से संबंधित दस्तावेज तलाश रही है। वहीं ग्रेटर नोएडा के लेजर वैली, ड्रीम वैली, स्मार्ट सिटी, सेंचुरियन पार्क प्रोजेक्टों के भी दस्तावेज तलाशे जा रहे हैं।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन दिन पहले आम्रपाली समूह के तीनों निदेशकों को फॉरेंसिक ऑडिट से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध न कराने पर पुलिस हिरासत में भेज दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि जब तक तीनों निदेशक फॉरेंसिक ऑडिट संबंधित सभी दस्तावेज सौंप नहीं देते हैं, तब तक वह पुलिस हिरासत में रहेंगे। दस्तावेज जमा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने गौतमबुद्धनगर पुलिस और दिल्ली पुलिस को निर्देशित किया था। मंगलवार को भी पुलिस टीम तीनों निदेशकों को देर रात नोएडा लेकर आई थी। इस दौरान भी पुलिस ने फॉरेंसिक ऑडिट संबंधित दस्तावेज जमा किए थे।
बुधवार को आम्रपाली की नौ प्रॉपर्टी सील करने का दिया है आदेश
आम्रपाली ग्रुप की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आम्रपाली की 9 प्रॉपर्टी सील करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने बुधवार को आम्रपाली ग्रुप की नोएडा और ग्रेटर नोएडा स्थित 7 प्रॉपर्टियों को सील करने का निर्देश दिया। इन जगहों पर ही इसकी 46 ग्रुप कंपनियों के दस्तावेज रखे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इसके अलावा बिहार के राजगीर और बक्सर स्थित दो प्रॉपर्टियों को भी सील करने का आदेश देते हुए कहा कि आम्रपाली की संपत्तियों को सील करने के बाद इनकी चाभियां सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को सौंप दी जाएं।
गौरतलब है कि मंगलवार को कोर्ट ने कंपनी के तीन डायरेक्टरों को पुलिस कस्टडी में भेजने की बात कही थी। साथ ही सभी 46 कंपनियों के दस्तावेज फोरेंसिक ऑडिटर्स को सौंपने के निर्देश दिए थे। आम्रपाली ग्रुप द्वारा दस्तावेज जमा कराने को लेकर की जा रही हीलाहवाली पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा एक्शन लिया। आम्रपाली ग्रुप के अधूरे पड़े प्रॉजेक्टों के चलते बड़ी संख्या में निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा था कि, 'वह कोर्ट से लुका छिपी का खेल न खेले। अब जब तक दस्तावेज नहीं दिए जाते, आप पुलिस की हिरासत में रहेंगे।' इससे पहले कोर्ट ने रियल एस्टेट कंपनी की ओर से पेश वकील से पूछा कि फोरेंसिक ऑडिट से संबंधित दस्तावेजों को अब तक ऑडिटरों के पास जमा क्यों नहीं कराया गया? इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने DRT (ऋण वसूली ट्राइब्यूनल) को आम्रपाली की 16 संपत्तियों की नीलामी या बिक्री का आदेश दिया था। अनुमान लगाया गया कि संपत्तियों की बिक्री से 1600 करोड़ रुपये इकट्ठा हो सकते हैं।
कोर्ट ने कहा था कि वह तय करेगा कि कैसे इस रकम का इस्तेमाल अधूरे प्रॉजेक्ट को पूरा करने में होगा। कोर्ट ने आम्रपाली के डायरेक्टरों को सभी संबंधित दस्तावेजों को डीआरटी को जमा कराने को कहा था। कोर्ट ने फॉरेंसिक ऑडिटर को भी निर्देश दिया था कि वह 60 दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपे कि रकम का गबन कैसे हुआ? ये वही प्रॉपर्टी हैं जिनसे जुड़े ऑडिट रिपोर्ट ग्रुप को जमा करना था। होम बायर्स की याचिका के बाद आम्रपाली ग्रुप सुप्रीम कोर्ट के निशाने पर आ गया है। प्रॉपर्टी डेवलपर करीब 42,000 होम बायर्स को घर नहीं दे पाया है।