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Supertech Emerald Case: सुपरटेक बिल्डर को सुप्रीम कोर्ट से झटका, एमरल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के 2 टावर गिराने का आदेश

Supertech Emerald Case सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुपरटेक के नोएडा एक्सप्रेस स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के अपैक्स एंड स्यान यावे-16 और 17 को अवैध ठहराया है। दोनों टावरों को ढहाने का आदेश दिया है।

By Jp YadavEdited By: Published: Tue, 31 Aug 2021 12:42 PM (IST)Updated: Tue, 31 Aug 2021 05:32 PM (IST)
Supertech Emerald Case: सुपरटेक बिल्डर को सुप्रीम कोर्ट से झटका, एमरल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के 2 टावर गिराने का आदेश
Supertech Emerald Case: सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के दो टावर गिराने का आदेश

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने एक अहम फैसले में रियल स्टेट कंपनी सुपरटेक को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने सुपरटेक के नोएडा एक्सप्रेस स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के अपैक्स एंड स्यान यावे-16 और 17 को अवैध ठहराने के साथ दोनों 40 मंजिला टावरों को गिराने का आदेश दिया है।

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अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बिल्डर कंपनी को इन दोनों टावरों के 1000 निवेशकों को 12 फीसद ब्याज के साथ पूरे पैसे लौटाने होंगे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर की प्रमुख रियल्टी कंपनी सुपरटेक लिमिटेड की उस याचिका पर मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया है, जिसमें नोएडा में एमराल्ड कोर्ट परियोजना में 40 मंजिला दो टावरों को ध्वस्त करने संबंधी इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नियमों का उल्लंघन करने के चलते टावरों को गिराने का निर्देश दिया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी है।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भी इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर मुहर लगाते हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट में रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक द्वारा बनाए गए दो 40-मंजिल टावरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया है। अपनी टिप्पणी में कोर्ट ने यह भी कहा है कि यह अवैध निर्माण नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक के अधिकारियों के बीच मिलीभगत का परिणाम है।

निवेशकों को लौटाने होंगे पैसे

सुप्रीम कोर्ट ने मंगवलार को सुपरटेक के नोएडा एक्सप्रेस स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के अपैक्स एंड स्यान यावे-16 और 17 को अवैध ठहराया है। इसके साथ ही दोनों 40 मंजिला टावरों को ढहाने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं सुपरटेक बिल्डर को एक और  झटका देते हुए 1000 फ्लैट खरीदारों को 12 फीस ब्याज के साथ पूरे पैसे वापस करने का आदेश भी दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 11 अप्रैल, 2014 के फैसले के पक्ष और विपक्ष में घर खरीदारों की ओर से दायर कई अन्य याचिकाओं पर भी अपना फैसला सुनाया है।  सुप्रीम कोर्ट ने चार अगस्त को इन याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष अदालत ने सुपरटेक की एमराल्ड कोर्ट परियोजना के घर खरीदारों को स्वीकृत योजना मुहैया कराने में विफल रहने पर नोएडा प्राधिकरण को फटकार लगाते हुए कहा था, आप चारों तरफ से भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं।


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