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SC के वकील ने CP को भेजा नोटिस, पूछा- प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों पर क्यों नहीं की कार्रवाई?

वकीलों से हुई हिंसक झड़प के बाद की गई कार्रवाई के विरोध में दिल्ली पुलिस के जवान मंगलवार को सड़क पर उतर आए। नाराज पुलिसकर्मियों ने कमिश्नर की बात भी नहीं मानी।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 09:08 AM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 10:36 AM (IST)
SC के वकील ने CP को भेजा नोटिस, पूछा- प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों पर क्यों नहीं की कार्रवाई?
SC के वकील ने CP को भेजा नोटिस, पूछा- प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों पर क्यों नहीं की कार्रवाई?

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता/एएनआइ। वकीलों से हुई हिंसक झड़प के बाद की गई कार्रवाई के विरोध में दिल्ली पुलिस के जवान मंगलवार को सड़क पर उतर आए। देश के इतिहास में पहली बार इंसाफ की मांग को लेकर हजारों पुलिसकर्मी अपने ही मुख्यालय के बाहर धरने पर बैठे और नारेबाजी की। अब इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील वरुण ठाकुर ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को कानूनी नोटिस भेजा है और पूछा है कि उन्होंने ऐसा पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं, जिन्होंने धरना-प्रदर्शन किया था। 

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वहीं, मंगलवार को धरना-प्रदर्शन के दौरान पुलिस मुख्यालय के दोनों तरफ सिर्फ पुलिसकर्मी नजर आ रहे थे। कुछ वर्दी में तो कुछ सादे कपड़ों में। पुलिसकर्मियों के परिजन भी प्रदर्शन में शामिल हुए। चारों तरफ तख्तियां नजर आ रही थीं और इनपर ‘बेबस खाकी’, ‘कौन सुनेगा किसको सुनाएं, खाकी वर्दी में हम इंसान हैं’, ‘अपराधियों को दंड दो, हमें इंसाफ चाहिए’, ‘रक्षा करने वालों को सुरक्षा की जरूरत’, ‘पुलिस के लिए कोई मानवाधिकार नहीं’, जैसे नारे लिखे थे।

नाराज पुलिसकर्मियों ने अपने सबसे बड़े अधिकारी पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक की भी नहीं सुनी। उनके साथ धक्का-मुक्की तक की गई। कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पुलिसकर्मियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। जब पुलिस आयुक्त द्वारा मांगे माने जाने का ऑडियो संदेश सुनाया गया तब रात 8 बजे धरना-प्रदर्शन समाप्त हुआ। पुलिसकर्मियों की यूनियन बनाने, की गई कार्रवाई वापस लेने व आरोपित वकीलों पर कार्रवाई करने समेत प्रमुख मांगें मानी गई हैं। उधर, उपराज्यपाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव को वकीलों व पुलिसकर्मियों के बीच हुई घटनाओं की निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए हैं।

‘सीपी गो बैक’ के लगे नारे

आक्रोशित पुलिसकर्मियों ने पुलिस आयुक्त से इस्तीफा मांगा। पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने कहा, तीस हजारी मामले की न्यायिक जांच हो रही है। हालात में सुधार हो रहा है। उनके यह कहते ही पुलिसकर्मी नाराज हो गए और ‘सीपी गो बैक’ के नारे लगाने लगे।

इसलिए अचानक सड़कों पर उतरे पुलिसकर्मी

तीस हजारी कोर्ट परिसर में बवाल के बाद साकेत कोर्ट परिसर के बाहर पुलिसकर्मी के साथ बदसुलूकी होने से पुलिसकर्मियों का आक्रोश फूट पड़ा। उनका कहना था कि हमसे हर कोई अभद्र व्यवहार करता है। जब हम आला अफसरों से शिकायत करते हैं तो वे भी नहीं सुनते। तीस हजारी कोर्ट परिसर में पहले दिन वकीलों ने हम लोगों की पिटाई की, हम लोगों ने भी उनकी पिटाई की। लेकिन अगले दिन साकेत कोर्ट परिसर के बाहर वकील ने सिपाही की पिटाई क्यों की।

बीसीआइ ने दी चेतावनी

मंगलवार को पुलिसकर्मियों के तेवर देख बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआइ) ने विभिन्न बार निकायों को पत्र लिखकर कहा कि मारपीट में शामिल वकीलों की पहचान करें और सभी बार काउंसिल विरोध-प्रदर्शन समाप्त करें। अगर ऐसा नहीं होता है तो बीसीआइ इस पूरे प्रकरण से समर्थन वापस ले लेगी। इससे संस्था का नाम खराब हो रहा है। बीसीआइ ने ऐसे अधिवक्ताओं का ब्योरा भी मांगा है, जो मारपीट की घटनाओं में लिप्त रहे। इस तरह की हरकत से वकील अदालतों, जांच कर रहे पूर्व जज, सीबीआइ, आइबी और विजिलेंस की सहानुभूति खो देंगे।

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