प्रद्युम्न मर्डर केस: अब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने सुनवाई से खुद को किया अलग
प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर के साथ वकील आभा शर्मा व अन्य वकीलों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। प्रद्युम्न हत्याकांड के बाद देशभर के स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन बनाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर खुद को अलग कर लिया है। प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर के साथ वकील आभा शर्मा व अन्य वकीलों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
#PradyumanMurderCase and framing of guidelines issue: Supreme Court judge A. M. Khanwilkar recuses himself from hearing
— ANI (@ANI) December 4, 2017
प्रद्युम्न के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से फ्री एंड फेयर और फुलप्रूफ जांच कराई जाए। देश के सभी स्कूलों के मैनेजमेंट की जवाबदेही, देनदारी और जिम्मेदारी तय की जाए। भविष्य में स्कूल के भीतर बच्चों के साथ किसी भी तरह की घटना होती हैं तो मैनेजमेंट, डायरेक्टर, प्रिंसिपल, प्रमोटर सबके खिलाफ लापरवाही बरतने के आरोप के तहत कार्रवाई हो।
#PradyumanMurderCase: Father of Pradyuman, Varun Thakur, moved the Supreme Court seeking formation of guidelines on the issue of safety and security of school children across the country.— ANI (@ANI) December 4, 2017
इस याचिका में यह भी कहा गया है कि रेयान की घटना के बाद से देशभर के अभिभावकों में डर का माहौल है। बच्चों की सुरक्षा के लिए जो पॉलिसी तैयार की गई है, ज्यादातर स्कूल उसका पालन नहीं करते। सुप्रीम कोर्ट आदेश जारी करे कि इनका सही तरह से पालन हो।
इसके अलावा देशभर में बच्चों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त गाइडलाइन बनाई जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि जो पहले से ही जो दिशा-निर्देश बनाए गए हैं अगर कोई स्कूल उनका पालन नहीं करता तो उन स्कूलों का लाइसेंस रद किया जाना चाहिए।
इससे पहले पिछले 15 सितंबर को कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया था। सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की मदद करेंगे। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई रेयान स्कूल गुरुग्राम के मृत बच्चे प्रद्युम्न के पिता की याचिका के साथ करने का फैसला किया था।