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प्रद्युम्न मर्डर केस: अब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने सुनवाई से खुद को किया अलग

प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर के साथ वकील आभा शर्मा व अन्य वकीलों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 04 Dec 2017 01:59 PM (IST)Updated: Mon, 04 Dec 2017 02:31 PM (IST)
प्रद्युम्न मर्डर केस: अब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने सुनवाई से खुद को किया अलग
प्रद्युम्न मर्डर केस: अब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने सुनवाई से खुद को किया अलग

नई दिल्ली (जेएनएन)। प्रद्युम्न हत्याकांड के बाद देशभर के स्कूली बच्चों की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन बनाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर खुद को अलग कर लिया है। प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर के साथ वकील आभा शर्मा व अन्य वकीलों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। 

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प्रद्युम्न के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से फ्री एंड फेयर और फुलप्रूफ जांच कराई जाए। देश के सभी स्कूलों के मैनेजमेंट की जवाबदेही, देनदारी और जिम्मेदारी तय की जाए। भविष्य में स्कूल के भीतर बच्चों के साथ किसी भी तरह की घटना होती हैं तो मैनेजमेंट, डायरेक्टर, प्रिंसिपल, प्रमोटर सबके खिलाफ लापरवाही बरतने के आरोप के तहत कार्रवाई हो।

इस याचिका में यह भी कहा गया है कि रेयान की घटना के बाद से देशभर के अभिभावकों में डर का माहौल है। बच्चों की सुरक्षा के लिए जो पॉलिसी तैयार की गई है, ज्यादातर स्कूल उसका पालन नहीं करते। सुप्रीम कोर्ट आदेश जारी करे कि इनका सही तरह से पालन हो। 

इसके अलावा देशभर में बच्चों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त गाइडलाइन बनाई जाए। याचिका में यह भी कहा गया है कि जो पहले से ही जो दिशा-निर्देश बनाए गए हैं अगर कोई स्कूल उनका पालन नहीं करता तो उन स्कूलों का लाइसेंस रद किया जाना चाहिए। 

इससे पहले पिछले 15 सितंबर को कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया था। सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की मदद करेंगे। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई रेयान स्कूल गुरुग्राम के मृत बच्चे प्रद्युम्न के पिता की याचिका के साथ करने का फैसला किया था।


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