केरल लव जिहाद केस पर SC का सवाल- क्या हाईकोर्ट रद कर सकता है शादी
आरोप लगाया जा रहा है कि शफीन जहां ने धर्म परिवर्तन करवाकर हादिया से निकाह किया और उसे इस्लाम कबूल करवाया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। केरल में हिंदू लड़की द्वारा धर्मातरण कर मुस्लिम युवक से शादी करने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने की सहमति जताई है। शीर्ष अदालत ने कहा कि बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट शादी को रद कर सकता है या नहीं, इस पर विचार किया जाएगा।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने अखिला उर्फ हादिया के पति शफीन जहां की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। शीर्ष अदालत ने शहीन की याचिका पर नौ अक्टूबर तक सुनवाई टाल दी।
हादिया के पति शफीन ने सुप्रीम कोर्ट से मामले की जांच एनआइए को सौंपे जाने का अपना आदेश वापस लेने की मांग की है। शीर्ष अदालत ने 16 अगस्त को मामले की जांच एनआइए को सौंप दी थी।
शफीन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि विभिन्न धर्मो के अनुयायियों वाले देश में अदालत इस तरह मामले की जांच एनआइए को नहीं सौंप सकती है।
उन्होंने एनआइए जांच का आदेश वापस लेने की मांग की। पीठ ने कहा कि क्या एक 25 साल की महिला को उसकी मर्जी के बगैर, पिता के पास जबरन रखा जा सकता है?
यह भी विचार का विषय है कि रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट शादी रद कर सकता है या नहीं। केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी तुषार मेहता ने सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इस मामले की पैरवी कर रहे एएसजी मनिंदर सिंह शहर से बाहर गए हुए हैं।