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दिल्ली में फैक्ट्री मालिक की हत्या करने वाला सुपारी किलर सात साल बाद गिरफ्तार

डीसीपी स्पेशल सेल संजीव कुमार यादव के मुताबिक रिशू उर्फ अभिमन्यु उर्फ संदीप इस समय जेजे कालोनी सुल्तानपुरी में रह रहा था। इससे पहले वह नाम बदलकर संभल उत्तर प्रदेश में रह रहा था। वहां उसने अपना नाम नैतिक सिंह खा था

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 09:56 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 09:56 AM (IST)
दिल्ली में फैक्ट्री मालिक की हत्या करने वाला सुपारी किलर सात साल बाद गिरफ्तार
राजेश लांबा ने डेढ़ लाख रुपये रिशू को एडवांस दिया था।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सितंबर 2013 में तिलक नगर में एक फैक्ट्री मालिक की सरेआम गोली मारकर हत्या करने वाले एक कुख्यात बदमाश रिशू को स्पेशल सेल ने सात साल बाद गिरफ्तार कर लिया है। फैक्ट्री मालिक के सगे भाई ने ही प्रापर्टी को लेकर हुए झगड़े के बाद बदमाशों को 10 लाख की सुपारी देकर हत्या करवाई थी। वारदात में शामिल अन्य सभी बदमाशों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। रिशू को पुलिस नहीं पकड़ पाई थी। उस पर दिल्ली पुलिस की तरफ से 50 हजार का इनाम था।

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डीसीपी स्पेशल सेल संजीव कुमार यादव के मुताबिक रिशू उर्फ अभिमन्यु उर्फ संदीप इस समय जेजे कालोनी सुल्तानपुरी में रह रहा था। इससे पहले वह नाम बदलकर संभल, उत्तर प्रदेश में रह रहा था। वहां उसने अपना नाम नैतिक सिंह खा था और दस्तावेजों पर वाराणसी उत्तर प्रदेश का पता था। रिशू मूलरूप से आजमगढ़ का रहने वाला है।

2007 में रोजगार की तलाश में वह परिवार के साथ दिल्ली आया था। यहां उसने दो साल एक अस्पताल में सुरक्षा गार्ड की नौकरी की। 2010 में वह वाराणसी चला गया और वहां एक राजनीतिक पार्टी के नेता से जुड़कर उनके लिए इवेंट मैनेजमेंट का काम देखने लगा। इसी दौरान उसका परिचय राजू बनारसी व अभिषेक सिंह से हुआ। तीनों ने सुपारी लेकर हत्या करने के लिए गिरोह बना लिया। उसके बाद 2013 में रिशू दोबारा दिल्ली आ गया। यहां उसकी मुलाकात नांगलोई के रविंदर राठी से हुई।

सितंबर 2013 में राजेश लांबा नाम के व्यक्ति ने प्रापर्टी को लेकर झगड़े के बाद अपने भाई जितेंद्र लांबा की हत्या की 10 लाख की सुपारी रिशु को दी थी। जितेंद्र अपने भाई के ही साथ राजौरी गार्डन में रहते थे और उनकी बवाना औद्योगिक इलाके में फैक्ट्री थी। राजेश लांबा ने डेढ़ लाख रुपये रिशू को एडवांस दिया था।

इसके बाद रिशू ने तीनों अन्य साथियों के साथ जितेंद्र लांबा की रेकी की। 29 सितंबर को बदमाशों ने फैक्ट्री के बाहर उनकी हत्या करने की योजना बनाई, लेकिन उस दिन वहां राजनीतिक रैली के कारण इलाके में पुलिस की मौजूदगी देखकर बदमाश वारदात को अंजाम नहीं दे पाए। अगले दिन बाइक व कार से आकर बदमाशों ने तिलक नगर गंदा नाला के पास जितेंद्र लांबा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वारदात के बाद रिशू संभल जाकर छिपकर रहने लगा था।

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