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सीबीएसई 10वीं में सरकारी स्कूलों की टॉपर दिव्या की सफलता की कहानी नहीं है आसान

दसवीं में राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय की छात्रा को मिले 490 अंक, जानें दिव्या की सफलता की कहानी

By Srishti VermaEdited By: Published: Thu, 31 May 2018 11:00 AM (IST)Updated: Thu, 31 May 2018 11:00 AM (IST)
सीबीएसई 10वीं में सरकारी स्कूलों की टॉपर दिव्या की सफलता की कहानी नहीं है आसान
सीबीएसई 10वीं में सरकारी स्कूलों की टॉपर दिव्या की सफलता की कहानी नहीं है आसान

पूर्वी दिल्ली (शुजाउद्दीन)। ’दिल में अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा और लक्ष्य पर निगाह हो तो बड़ी से बड़ी बाधाएं भी रास्ता छोड़ देती हैं। करावल नगर के सादतपुर में रहने वाली दिव्या रघुवंशी ने सीबीएसई 10वीं में सरकारी स्कूलों में टॉप कर इसे साबित कर दिखाया। यमुना विहार स्थित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय की इस छात्रा को 500 में 490 अंक मिले। इस तरह की सफलता दिव्या के लिए आसान नहीं थी।

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घर उस इलाके में है, जहां पास के राजकीय विद्यालय में एक पाली में सिर्फ तीन घंटे ही पढ़ाई होती है। उसमें भी विद्यार्थियों की संख्या इतनी ज्यादा होती है कि खेल के मैदान में बच्चों की कक्षाएं लगानी पड़ती हैं और अभिभावक इतने समर्थ नहीं हैं कि भारी- भरकम फीस देकर अच्छे निजी स्कूलों में दाखिला दिलाते। इन तमाम परिस्थितियों के बीच दिव्या ने घर से आठ किलोमीटर दूर यमुना विहार स्थित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय में प्रवेश परीक्षा देकर दाखिला लिया व कड़ी मेहनत कर पढ़ाई की। आज नतीजा सबके सामने है। दिव्या ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों में टॉप कर न सिर्फ अपने परिवार का नाम रोशन किया, बल्कि अपने सपनों को भी पंख लगाए।

एमबीबीएस कर आइएएस अफसर बनने की है तमन्ना : दिव्या बताती हैं कि उनके पिता मनीष कुमार कैर्टंरग का काम करते हैं और मां सुमन गृहिणी हैं। उनके पिता का सपना है कि वह आइएएस अफसर बनें, लेकिन वह डॉक्टर बनना चाहती हैं। ऐसे में उन्होंने तय किया है कि आगे साइंस से पढ़ाई कर पहले एमबीबीएस करेंगी, फिर आइएएस अफसर बनकर पिता के अरमान को पूरा करेंगी।

हर दिन छह घंटे पढ़ाई कर पाई सफलता: दिव्या ने अपनी सफलता के बारे में बताया कि वह किसी भी विषय में बेसिक क्लीयर करके चलीं। जहां भी थोड़ी दिक्कत हुई, स्कूल के शिक्षकों की मदद ली। एनसीआरटी की किताबों से हर दिन छह घंटे तक पढ़ाई करके बोर्ड की परीक्षा की तैयारी की। वह घर में सबसे बड़ी हैं और अपने भाई-बहनों के लिए भी आदर्श बनना चाहती है।


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