नेशनल हेराल्ड केस में सुब्रमण्यम स्वामी ने पूरी की जिरह, जानें- अब तक क्या हुआ
दिल्ली कोर्ट में 6 अक्टूबर को उस याचिका की भी सुनवाई होगी, जो स्वामी द्वारा ट्विटर पर जानकारी सार्वजनिक कर दिए जाने के खिलाफ कांग्रेस ने दायर की थी।
नई दिल्ली [जेएनएन]। नेशनल हेराल्ड केस में सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी जिरह पूरी कर ली है और अब राहुल गांधी व सोनिया गांधी के वकील 27 अक्टूबर को क्रॉस-एग्जामिनेशन करेंगे। दिल्ली कोर्ट में 6 अक्टूबर को उस याचिका की भी सुनवाई होगी, जो स्वामी द्वारा ट्विटर पर जानकारी सार्वजनिक कर दिए जाने के खिलाफ कांग्रेस ने दायर की थी।
राहुल व सोनिया गांधी की याचिका खारिज
गौरतलब है कि इससे पहले नेशनल हेराल्ड मामले में इनकम टैक्स विभाग के टैक्स असेसमेंट से जुड़े नोटिस को चुनौती देने वाली राहुल व सोनिया गांधी की याचिका खारिज कर दी थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने वित्तीय वर्ष 2011-2012 के लिए टैक्स के पुनर्मूल्यांकन की मांग को लेकर जारी किए गए आयकर नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज किया था। पीठ ने कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नांडीस की याचिका भी खारिज कर दी थी। उन्होंने भी 2011-12 के अपने कर निर्धारण की फाइल दोबारा खोले जाने को चुनौती दी थी।
भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना
दरअसल, राहुल और सोनिया गांधी ने याचिका दायर कर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के उस नोटिस को चुनौती दी थी जिसमें नेशनल हेराल्ड और यंग इंडिया के टैक्स मूल्यांकन की दोबारा जांच करने को कहा गया है। नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि राहुल गांधी यंग इंडिया कंपनी के डायरेक्टर थे और इस बात को छिपाया गया। इस कंपनी ने 5000 करोड़ रुपये गबन किया था जिसे देश से छुपाया गया। इससे देश को बड़ा नुकसान हुआ। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा था कि गांधी परिवार को एक ऐसे परिवार के रूप में जाना जाता है जो टैक्स चोरी करता है।
शेयर की मार्केट वैल्यू भी चेक की जाती है
यहां यह भी बता दें कि नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर इससे पहले हुई सुनवाई में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) तुषार मेहता ने कहा था कि पहले यंग इंडिया के 2010 में केवल दो शेयर होल्डर के पास 550 शेयर थे। फिर इसे 100 रुपये प्रति शेयर के दर से खरीदा गया था। ये जानकारी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से हमें मिली। शेयर की मार्केट वैल्यू भी चेक की जाती है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।
प्रॉपर्टी हासिल करने के लिए किया एजेएल को टेकओवर
तुषार मेहता का कहना था कि प्राथमिक जांच से इनकम से जुड़ी जो जानकारी मिली वो ज्यादा थी। तुषार मेहता ने कहा कि आप जो शेयर खरीदते हैं वो उस समय के मार्केट वैल्यू से देखें तो इनकम के बारे में जानकारी मिलती है। इस कंपनी में भी नियम है कि जब भी शेयर बेचा या ट्रांसफर किया जाता है तब ऑडिट मार्केट के मुताबिक होता है। उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसा लगता है कि यंग इंडिया कंपनी ने एजेएल को टेकओवर केवल प्रॉपर्टी हासिल करने के लिए किया। इसके बाद यंग इंडिया रियल स्टेट के काम करने लगा जो एजेएल करता था।
हमें सबसे मतलब है
जस्टिस एस रविन्द्र भट्ट ने तुषार मेहता से पूछा था कि क्या आप कहना चाहते हैं कि जब शेयर अलॉट किया गया उस वक्त शेयर की मार्केट वैल्यू ज्यादा थी। इस पर तुषार मेहता ने जवाब दिया कि बिल्कुल, हम यही कह रहे हैं। जबकि सोनिया गांधी के लिए वकील के तौर पर पेश हुए पी चिदंबरम ने कहा था कि 26 फरवरी 2012 को यंग इंडिया ने याचिकाकर्ता (सोनिया राहुल) को शेयर दिया। एजेएल क्या करता है, किसको चेक देते हैं, इससे मेरे क्लाइंट का क्या लेना-देना है? लेकिन इनकम टैक्स विभाग की तरफ से पेश तुषार मेहता ने कहा कि हमें सबसे मतलब है, ये टैक्स चोरी से जुड़ा मामला है।
यह है मामला
नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की मालिकाना कंपनी एसोसिएटस जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) है। वर्ष 2011 में कांग्रेस ने कंपनी को 90 करोड़ का कथित लोन देकर इसकी देनदारियों को अपने पास कर लिया था। फिर पांच लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई थी, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल की 38-38 फीसद हिस्सेदारी तय हुई थी। 24 फीसद हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस की है। स्वामी का आरोप है कि कांग्रेस ने यंग इंडियन को एजेएल को खरीदने के लिए असुरक्षित कर्ज दिया था। मामले में सोनिया और राहुल के अलावा कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, आस्कर फर्नांडीस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडियन आरोपी हैं।