लॉकडाउन में एन लिस्ट प्रोग्राम बना विद्यार्थियों के लिए संजीवनी, प्रोजेक्ट और परीक्षा की तैयारी हुई आसान
एन-लिस्ट प्रोग्राम में कॉलेज के सभी कोर्स की ई-किताबें उपलब्ध हैं। अब बच्चे घर बैठे बिना आसानी से प्रोजेक्ट बना सकते हैं व परीक्षा की तैयारी भी कर सकते हैं।
नई दिल्ली (रितु राणा)। लॉकडाउन में जहां सबकुछ ऑनलाइन हो रहा है। वहीं, दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज ने भी डिजिटल इंडिया की ओर कदम बढ़ाते हुए एन-लिस्ट प्रोग्राम (नेशनल लाइब्रेरी एंड इन्फॉर्मेशन सर्विसेज इंफ्रास्ट्रक्चर फ़ॉर स्कॉलरली कंटेंट) शुरुआत की है, जिसमें बच्चों के लिए पाठ्यक्रम संबंधित किताबों को ऑनलाइन उपलब्ध करा दिया है। इससे लॉकडाउन में विद्यार्थियों की पढ़ाई के बीच जो बाधाएं आ रही थी वह काफी हद तक दूर हो चुकी है।
लाइब्रेरियन पुष्पेंद्र दहिया ने बताया कि वैसे तो 2007 में ही कॉलेज लाइब्रेरी का डिजिटलाइजेशन कर दिया गया था, लेकिन लॉकडाउन में बच्चों के सामने बिना किताबों के पाठ्यक्रम संबंधी विषयों की पढ़ाई में बहुत बड़ी समस्या आ रही थी, जिसे दूर करने के लिए कॉलेज की वेबसाइट पर यूजवुल लिंक्स में एन-लिस्ट प्रोग्राम को जोड़ा गया, जिसका उद्देश्य है कि डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ते हुए बच्चे पढ़ें और आगे बढ़ें।
एन-लिस्ट प्रोग्राम में कॉलेज के सभी कोर्स की ई-किताबें उपलब्ध हैं। अब बच्चे घर बैठे बिना आसानी से प्रोजेक्ट बना सकते हैं व परीक्षा की तैयारी भी कर सकते हैं। इसमें छह हजार से ज्यादा ई-जर्नल व 31 लाख 33 हजार ई-बुक्स हैं। इसके अलावा सुगम्य पुस्तकालय लिंक में दिव्यांग बच्चों के लिए ऑडियो व वीडियो लेक्चर भी उपलब्ध हैं।
वहीं, बच्चों के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया व दिल्ली विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी के ई-रिसोर्सिस लिंक्स भी उपलब्ध हैं। पुष्पेंद्र दहिया ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को एन-लिस्ट प्रोग्राम का लाभ मिले इसके लिए उन्होंने अपने फेसबुक प्रोफाइल व कॉलेज के बच्चों के अलग-अलग ग्रुप्स पर इसका नोटिस भी डाला है। जिस बच्चों की कोई समस्या या मांग होती है तो उसका समाधान मेल द्वारा कर दिया जाता है। यह सभी पुस्तकें निशुल्क हैं जिसका उद्देश्य सिर्फ यही है कि बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए।
छात्रों की प्रतिक्रियाएं
लॉकडाउन के चलते यह ऑनलाइन लाइब्रेरी हमारे लिए बहुत लाभदायक साबित हो रही है। आज घर बैठे फोन में एक बटन दबाते ही हम किताबों की दुनिया में जा सकते हैं।
साक्षी उपाध्याय (हिंदी पत्रकारिता)
ई-लाइब्रेरी की सुविधा होने से प्रोजेक्ट और पेपर की तैयारी भी आसानी से हो सकी है। पढ़ाई पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव में ई-लाइब्रेरी ने अहम भूमिका निभाई है।
अखिल सिंघल, हिंदी पत्रकारिता एवं जनसंचार
ई लाइब्रेरी की वजह से छात्रों की पढ़ाई पर लाकडॉउन का असर बहुत हद तक कम पड़ा है।
मयंक देशवाल, सचिव, छात्र संघ, बी.कॉम ऑनर्स
ई लाइब्रेरी की सुविधा छात्रों के लिए बहुत लाभदायक साबित हो रही है। इसके माध्यम से छात्रों को पढ़ाई में होने वाली समस्याएं कम झेलनी पड़ रही है।
मानसी, हिंदी ऑनर्स
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