विद्यार्थी व अभिभावक लगा रहे गुहार, परीक्षा फीस करे माफ सरकार
दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों ने 10वीं व 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से परीक्षा फीस मांगी है जिस पर अभिभावकों ने विरोध जताया है।
नई दिल्ली, रितु राणा। दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों ने 10वीं व 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से परीक्षा फीस मांगी है, जिस पर अभिभावकों ने विरोध जताया है। विद्यार्थी व अभिभावक सरकार को पत्र लिखकर फीस माफी की मांग कर रहे हैं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा बोर्ड परीक्षाओं के लिए ली जाने वाली फीस को लेकर अखिल भारतीय अभिभावक संघ (एआइपीए) ने भी प्रधानमंत्री, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। जिसमें कोरोना काल में बच्चों की परीक्षा फीस को माफ करने की मांग की गई है।
सीबीएसई द्वारा बोर्ड परीक्षार्थियों से लिए जाने वाले पंजीकरण शुल्क माफ किए जाने को लेकर बीते दिनों एआइपीए के बैनर तले विद्यार्थियों ने प्रदर्शन भी किया था। जिसके बाद एआइपीए ने अब पत्र लिखकर सीबीएसई द्वारा कोरोना काल में विद्यार्थियों से फीस मांगने को अन्यायपूर्ण बताते हुए इसे माफ करने की मांग की है।
एआइपीए ने पत्र में लिखा है कि पिछले वर्ष दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को राहत देते हुए फीस माफी की थी, इस बार भी फीस माफ की जाए। एआइपीए की तरफ से लिखे गए पत्र में सीबीएसई फीस को पीएम केयर्स फंड से जमा कराने की मांग की गई है। वहीं, लक्ष्मी नगर मेन मार्किट ट्रेडर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी एनसी गर्ग ने बताया कि उनकी दुकान पर काम करने वाले कर्मचारियों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। ऐसे में अब वह बहुत परेशान हो गए हैं कि इतनी ज्यादा फीस कैसे भरेंगे। उन्होंने कहा कि वह अपने कर्मचारियों के बच्चों की फीस भर देंगे लेकिन यह गलत बात है, एक ओर तो सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चला रही है, दूसरी ओर गरीब परिवारों से इतनी फीस मांगी जा रही है। गरीब लोग इतनी ज्यादा फीस कहां से भरेंगे।
बच्चों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर फीस जमा कराने की मांग रखी
मदनपुर खादर के दिल्ली सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 100 से अधिक बच्चों ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पिछले साल की तरह सीबीएसई पंजीकरण फीस माफ करने की मांग की है। 10वीं कक्षा के छात्र अदित्य कुमार मोर्या ने बताया कि कोरोना के चलते पिछले पांच महीने से उनके पिता के पास कोई रोजगार नहीं है। ऐसे में वह 2150 रुपये परीक्षा फीस कैसे भरेंगे। वहीं, उनके साथ के 100 से अधिक बच्चों ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सीबीएसई द्वारा मांगी जा रही परीक्षा फीस भरने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वह अपने पड़ोसियों से उधार लेकर फीस एक बार को भर भी देंगे पर वह उन्हें वह रुपये कैसे वापस करेंगे।
बता दें, सीबीएसई ने 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों से 1500 से 1800 रुपये और 12 वीं कक्षा के विद्यार्थियों से 1500 रुपये से लेकर 2400 रुपये परीक्षा फीस मांगी है। पिछले वर्ष दिल्ली सरकार ने सभी विद्यार्थियों का पंजीकरण शुल्क जमा किया था, पर अब तक स्कूलों को सरकार से ऐसी कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है।
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