जेएनयू परिसर में छात्रा से छेड़छाड़, शिक्षक संघ की परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर ये खास मांग
शिक्षक संघ सचिव प्रो. मौसमी बसु ने आरोप लगाया कि जानबूझकर प्रशासनिक पदों पर महिला फैकल्टी को नजरअंदाज किया जा रहा है। यह कुलपति की पुरुषवादी सोच का परिणाम है। यौन उत्पीड़न के मामलों के लिए जेएनयू में पहले कमेटी थी जिसे भंग कर दिया गया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में छात्रा से छेड़छाड़ मामले पर शिक्षकों ने रोष जताया है। जेएनयू शिक्षक संघ ने एक बयान जारी कर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर तत्काल स्थिति रिपोर्ट जारी करने की मांग की है। यही नहीं, शिक्षक संघ ने प्रशासनिक पदों पर जानबूझकर महिला फैकल्टी को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। शिक्षक संघ अध्यक्ष प्रो. मिलाप सी. शर्मा ने कहा कि सोमवार रात परिसर में दो आपराधिक घटनाएं हुई।
पहली घटना में छात्रा के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया गया। आरोपित 25-25 वर्षीय अज्ञात युवक है। जबकि, दूसरी घटना में एक जानकार छात्र ने छात्रा के साथ बदसलूकी है। दोनों ही घटनाओं पर जेएनयू प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है। प्रशासन ने अब तक कोई बयान तक जारी नहीं किया। ये दोनों घटनाएं परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलती हैं। यह जेएनयू प्रशासन की उदासीनता भी रेखांकित करती हैं।
शिक्षक संघ सचिव प्रो. मौसमी बसु ने आरोप लगाया कि जानबूझकर प्रशासनिक पदों पर महिला फैकल्टी को नजरअंदाज किया जा रहा है। यह कुलपति की पुरुषवादी सोच का परिणाम है। यौन उत्पीड़न के मामलों के लिए जेएनयू में पहले कमेटी थी, जिसे भंग कर दिया गया। कमेटी में विभिन्न स्कूलों, केंद्रों के चुने हुए छात्र प्रतिनिधि होते थे। इसकी जगह आंतरिक शिकायत कमेटी गठित की गई है। शिक्षक संघ ने आंतरिक शिकायत कमेटी के एक साल के कार्यकाल का भी लेखाजोखा जारी करने की मांग की है।