एप की मदद से बचेगी 50 फीसद बिजली, विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र का दे रहा सहयोग
डाटा को मोबाइल एप में डालकर विश्वविद्यालय प्रशासन को अवगत किया जाएगा कि कितनी बिजली की खपत बेवजह हो रही है।
नई दिल्ली [राहुल मानव]। दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग के पूर्व छात्र प्रतीक ने एक मोबाइल एप तैयार किया है, जिसकी मदद से विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों की हाजिरी लगाई जा रही है। इस एप में अब एक नया फीचर डालकर यह पता लगाया जाएगा कि विश्वविद्यालय में कक्षाओं में रोजाना बिजली की कितनी खपत हो रही है। इसका मकसद बेवजह बिजली की खपत को रोकना है। इससे विश्वविद्यालय को काफी फायदा होगा। इसमें विश्वविद्यालय प्रशासन भी छात्र का सहयोग दे रहा है। इसका मकसद 50 प्रतिशत तक बिजली की खपत को बचाना है।
ब्लूटूथ से 9 हजार छात्रों की लग रही है हाजिरी
प्रतीक ने बताया कि उन्होंने थापड़ विश्वविद्यालय के छात्र वैभव के साथ मिलकर हाजिरी लगाने के लिए मोबाइल एप तैयार की थी। डीटीयू के कंप्यूटर सेंटर के नेटवर्क मैनेजर पीयूष वैश ने बताया कि इसी साल जनवरी से डीटीयू में इसी एप के इस्तेमाल से विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों की हाजिरी लगाई जा रही है। सभी शिक्षकों एवं छात्रों को यह एप डाउनलोड करने को कहा गया है।
रडार तकनीक का इस्तेमाल
एप को डीटीयू प्रशासन, शिक्षक और छात्र ही उपयोग कर सकते हैं। इसमें एक तरह से रडार तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। मोबाइल एप खोलने के बाद ब्लूटूथ के जरिए शिक्षक कक्षा में आए छात्रों की हाजिरी लेंगे। छात्रों को भी अपना मोबाइल एप खोलना होगा। सभी छात्रों व शिक्षकों का डाटा मोबाइल में डाला गया है। जो छात्र कक्षा में नहीं पहुंचेंगे। उनके न आने की जानकारी उनके अभिभावकों को मैसेज के जरिए पहुंच जाएगी।
कैसे बचाएंगे बिजली की खपत
प्रतीक ने कहा कि एप की मदद से डीटीयू परिसर में जितनी भी कक्षाएं चलती हैं, उन सब का डाटा जुटाया जाएगा। इस डाटा को मोबाइल एप में डालकर विश्वविद्यालय प्रशासन को अवगत किया जाएगा कि कितनी बिजली की खपत बेवजह हो रही है। इस मोबाइल में एक अलग से फीचर भी विकसित किया जा रहा है। पूरी प्रणाली विकसित होने के बाद जिन कक्षाओं, विभागों में बिना किसी कारण बिजली की खपत हो रही है। उसको रोकने के लिए योजना तैयार की जाएगी। अभी तक इस तरह की कोई प्रणाली डीटीयू में मौजूद नहीं है।