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महिला डॉक्टर के साथ मारपीट के बाद सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर

रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि इस तरह की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि अस्पताल में सुरक्षित माहौल का अभाव है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 24 Aug 2017 08:38 AM (IST)Updated: Thu, 24 Aug 2017 12:09 PM (IST)
महिला डॉक्टर के साथ मारपीट के बाद सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर
महिला डॉक्टर के साथ मारपीट के बाद सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली के नामी अस्पतालों में शुमार सफदरजंग अस्पताल में मरीज द्वारा जूनियर महिला डॉक्टर की पिटाई के विरोध में सभी जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी है।  हड़ताल बुधवार शाम 4 बजे से शुरू हुई है। इससे इमरजेंसी सेवा ठप पड़ गई है। वहीं, आरोपी के खिलाफ सफदरजंग एनक्लेव थाने में तहरीर दी गई है।

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सफदरजंग अस्पताल की गायनी विभाग की पीजी सेकंड ईयर की डॉक्टर रुचि के मुताबिक, बुधवार को वह ओपीडी में मरीजों को देख रही थीं। इसी दौरान संगम विहार निवासी रेणू (30) ने उन पर मरीजों को सही से न देखने का आरोप लगाते हुए हाथापाई शुरू कर दी।

रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि इस तरह की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि अस्पताल में सुरक्षित माहौल का अभाव है। डॉक्टर अपनी सुरक्षा को खतरे में डालते हुए काम नहीं कर सकते हैं।

डॉक्टरों को सुरक्षा दी जाए, नहीं तो वे इस मुद्दे को प्रधानमंत्री के समक्ष उठाएंगे। जब तक ठोस आश्वासन नहीं मिलेगा, वे काम पर नहीं लौटेंगे।

गौरतलब है कि मच्छरजनित बीमारियों के बढ़ते प्रकोप व वायरल बुखार के चलते इन दिनों अस्पताल में काफी भीड़ रहती है। इमरजेंसी सेवा ठप होने से मरीजों की परेशानी बढ़ेगी।

रेजिडेंट्स डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से बृहस्पतिवार को मरीजों की परेशानी और बढ़ सकती है, इसका असर ओपीडी पर भी हो सकता है।

इस अस्पताल में दूर-दूर से इलाज के लिए लोग आते हैं। ऐसे में अगर आज के दिन भी हड़ताल जारी रही तो भारी संख्या में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 

उधर डॉक्टरों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है। बार-बार ऐसी घटनाएं होती हैं। हर बार बेहतर सिक्यॉरिटी की बात कही जाती है, लेकिन फिर वैसी ही स्थिति बन जाती है।

रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष धीरज सिंह का कहना है कि ऐसे हमलों के मद्देनजर हमारी सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए। 

वहीं, यहां पर इलाज के लिए आई रमावती का कहना है कि मेरी बहू की डिलिवरी होनी है। हड़ताल शुरू हो गई है और डिलिवरी कौन करेगा? आखिर हम कहां जाएं?


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