कोरोना के बारे में हुआ अजब खुलासा, सूंघने और स्वाद से भी पता कर सकते हैं कोरोना बीमारी
गंगाराम अस्पताल के चेस्ट फिजिशियन डॉ. बॉबी भलोत्रा ने बताया कि बुखार सूखी खांसी गला खराब होना छाती में दर्द व सांस लेने में परेशानी इसके प्रमुख लक्षण देखे जा रहे हैं।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। कोरोना वायरस के संक्रमण का लक्षण बड़ा रहस्य बना हुआ है। विशेषज्ञ भी यकीनी तौर पर कुछ बताने की स्थिति में नहीं हैं। रोज नई-नई बातें सामने आ रही हैं। ज्यादातर पीड़ित में बुखार, गला खराब व खांसी होने की समस्या देखी जा रही है। यह बात भी सामने आ रही है कि संक्रमण होने पर स्वाद और सूंघने की क्षमता पर भी असर पड़ता है। हालांकि कई अन्य बीमारियों में भी स्वाद खराब हो जाता है और किसी चीज की महक का पता नहीं चलता, लेकिन दोनों स्थितियों में अंतर है।
ऐसे समझे अंतर
डॉक्टरों का कहना है कि सामान्य बीमारियों में दवा के इस्तेमाल के बाद यह समस्या आती है, लेकिन कोरोना में यह पहले ही हो जाता है। गंगाराम अस्पताल के चेस्ट फिजिशियन डॉ. बॉबी भलोत्रा ने बताया कि बुखार, सूखी खांसी, गला खराब होना, छाती में दर्द व सांस लेने में परेशानी इसके प्रमुख लक्षण देखे जा रहे हैं। कई शोधों में यह बात सामने आ चुकी है कि संक्रमित व्यक्ति में स्वाद व सूंघने की क्षमता प्रभावित होती है। यह लक्षण सबसे पहले आता है। संक्रमित व्यक्ति को खाना ठीक नहीं लगता।
कुछ मामलों में 25 दिन तक पाया गया इंक्यूबेशन पीरियड
डॉ. बॉबी भलोत्रा ने कहा कि सामान्य तौर पर दो से 14 दिन तक इसका इंक्यूबेशन पीरियड माना गया है। यानी कोई व्यक्ति संक्रमित होने के 14 दिन तक दूसरों में बीमारी फैला सकता है। लेकिन, कुछ मामलों में इंक्यूबेशन पीरियड 25 से 28 दिन तक देखा गया है।
देखने में स्वस्थ मगर कर सकते हैं बीमार
कई लोगों में बीमारी के लक्षण सामने नहीं आ पाते। वे देखने में स्वस्थ लगते हैं, लेकिन वायरस के वाहक के रूप में कार्य करते हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंक्यूबेशन पीरियड 14 दिन माना गया है, लेकिन कुछ मामलों में नए तथ्य सामने आए हैं।
किसी को हल्का तो कुछ को तेज बुखार
अपोलो अस्पताल के श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश चावला ने कहा कि 85 फीसद मरीज ज्यादा गंभीर नहीं होते। सिर्फ 15 फीसद मरीज को ही ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। इनमें ज्यादातर बुजुर्ग होते हैं। कोरोना से पीड़ित कुछ लोगों में 99 व 100 डिग्री फारेनहाइट बुखार देखा जा रहा है, जबकि कुछ लोगों में बहुत तेज बुखार होता है। कुछ मरीजों को दिन में एक बार तेज बुखार आता है।