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FB-वाट्सएप पर हो रही ठगी पर लगेगा अंकुश, साइबर क्रिमिनल्स का किला भेदेगी CFU

यूनिट में तैनात पुलिसकर्मियों को समय-समय पर विशेषज्ञों से ट्रेनिंग दिलाई जाएगी।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 10 Apr 2018 01:10 PM (IST)Updated: Tue, 10 Apr 2018 01:52 PM (IST)
FB-वाट्सएप पर हो रही ठगी पर लगेगा अंकुश, साइबर क्रिमिनल्स का किला भेदेगी CFU
FB-वाट्सएप पर हो रही ठगी पर लगेगा अंकुश, साइबर क्रिमिनल्स का किला भेदेगी CFU

गाजियाबाद (आशुतोष गुप्ता)। दिनोंदिन बढ़ रहे आर्थिक व साइबर अपराधों पर काबू पाने के लिए जिले में साइबर क्राइम एंड फाइनेंशियल फ्रॉड यूनिट (सीएफयू) का गठन किया गया है। इस यूनिट में साइबर क्राइम की जानकारी रखने वाले पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी।

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यूनिट में तैनात पुलिसकर्मियों को समय-समय पर विशेषज्ञों से ट्रेनिंग दिलाई जाएगी। यूनिट न केवल जिले में होने वाले आर्थिक व साइबर अपराधों की जांच करेगी, बल्कि साइबर क्रिमिनल्स पर भी नकेल कसेगी।

जिले में आर्थिक अपराध व साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है। फिर चाहे लेन-देन में ठगी का मामला हो, प्रॉपर्टी फ्रॉड, एटीएम ठगी, फेसबुक समेत अन्य सोशल साइट्स के जरिये अपराध या ऑनलाइन ठगी हो।

अमूमन देखने में आ रहा है कि इन मामलों की शिकायत तो होती है लेकिन पुलिसकर्मियों को जानकारी के अभाव में विवेचना आगे नहीं बढ़ पाती। थाने पर आर्थिक अपराध से संबंधित विशेषज्ञता नहीं होती, विवेचनाधिकारी को भी डॉक्यूमेंट्स एकत्र करने की इतनी जानकारी नहीं होती।

इससे वादी को भी राहत नहीं मिलती और केस भी लंबित रह जाते हैं। अमूमन पुलिस द्वारा विवेचना या कार्रवाई के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए एसएसपी ने यह कदम उठाया है।

ऐसे काम करेगी सीएफयू

जिले किसी भी प्रकार का आर्थिक व साइबर अपराध होने के बाद मामले की जांच थाने की पुलिस नहीं करेगी बल्कि इन मामलों को सीएफयू में स्थानांतरित किया जाएगा। यहां से संबंधित अपराध की जांच शुरू होगी। जांच यूनिट में तैनात उन अफसरों को दी जाएगी जो अपराध की प्रवृत्ति के अनुसार उसकी जांच करने में सक्षम हो।

यूनिट में विशेष रूप से साइबर व आर्थिक अपराध वाले मामलों की ही जांच की जाएगी। सीएफयू के प्रभारी अधिकारी डिप्टी एसपी व नोडल अधिकारी एडिशनल एसपी को बनाया जाएगा। इसके साथ ही एसएसपी स्वयं प्रतिदिन यूनिट की मॉनिटरिंग करेंगे।

अधिक होने वाले अपराध में साइबर ठगी दूसरे नंबर पर

गाजियाबाद पर निगाह डालें तो साइबर ठगी जिले में सबसे अधिक होने वाले अपराधों में दूसरे पायदान पर आ गया है। साइबर ठगों की निगाह प्लास्टिक मनी (डेबिट, क्रेडिट कार्ड) पर रहती है। पल भर में गोपनीय नंबरों के माध्यम से ठग खाते में जमा रकम पर हाथ साफ कर देते हैं। इसके चलते लोगों को आर्थिक नुकसान ङोलना पड़ता है और बैंक व थानों पर सुनवाई नहीं होती। यूनिट का गठन होने के बाद लोगों को लाभ मिलेगा।

महिलाओं को भी मिलेगा लाभ

फेसबुक, वाट्सएप व अन्य सोशल साइट्स के जरिये महिलाओं के साथ सबसे अधिक वारदातें होती हैं। फेसबुक के जरिये ठगी की सबसे अधिक शिकायतें महिलाओं की आती है। यूनिट के गठन के बाद इस तरह की शिकायतों में तेजी से जांच होकर आरोपित के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी।

समय-समय पर विशेषज्ञों से दिलाया जाएगा प्रशिक्षण

गाजियाबाद के एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि जानकारी के अभाव में प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पाती पुलिसजल्द ही जिले में सीएफयू का गठन किया जा रहा है। यूनिट का गठन होने से आर्थिक व साइबर अपराधों की जांच हो सकेगी। इसके गठन से न्याय संगत व पारदर्शी सिस्टम चलेगा। यूनिट में साइबर क्राइम के जानकार पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। यूनिट में तैनात पुलिसकर्मियों को विशेषज्ञों द्वारा भी ट्रेनिंग दिलाई जाएगी।


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