पूर्व हॉकी खिलाड़ी साथियों संग मिलकर करता था दिल्ली में गाड़ियों की चोरी
राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप में हिस्सा ले चुके एक खिलाड़ी को दिल्ली की एसटीएफ ने लूट के एक मामले में गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दहशत फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ वीडियो अपलोड कर पुलिस को खुली चुनौती देने वाले हरियाणा के कुख्यात मोर गिरोह के सरगना जगदीप मोर व उसके तीन साथी बदमाशों को दक्षिणी-पूर्वी जिला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्जे व निशानदेही पर लूटी गई एक फार्चूनर व होंडा सिटी कार, ऑटोमेटिक पिस्तौल, रिवाल्वर, दो देसी पिस्टल, मैगजीन और 16 कारतूस बरामद किए गए हैं। जगदीप राष्ट्रीय स्तर का हॉकी खिलाड़ी रहा है। वह हरियाणा की टीम से खेलता था। यह गैंग लंबे समय से हरियाणा व दिल्ली पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था।
जांच में रोका तो भागने लगा
डीसीपी दक्षिणी-पूर्वी चिन्मय बिश्वाल ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ टीम ने रविवार रात कालकाजी से सूरजकुंड जाते वक्त मां आनंदमयी मार्ग पर होंडा सिटी कार को जांच के लिए रोका तो आरोपित भागने लगे। इस पर टीम ने घेराबंदी कर कार सवारों को दबोच लिया। इनकी शिनाख्त कुख्यात मोर गिरोह का सरगना 25 वर्षीय जगदीप मोर निवासी जींद, 25 वर्षीय राहुल उर्फ राजन निवासी हिसार, 23 वर्षीय मंजीत निवासी कैथल व 23 वर्षीय रवींद्र निवासी रेवाड़ी के रूप में हुई। डीसीपी के मुताबिक, आरोपित जिस कार में सवार थे, वह प्रीत विहार इलाके से लूटी गई थी। इनकी निशानदेही पर पानीपत से लूटी गई एक फार्चूनर कार को फरीदाबाद स्थित राहुल उर्फ राजन की ससुराल से बरामद की गई।
भाई की हत्या हुई तो राष्ट्रीय खिलाड़ी से गैंगस्टर बना जगदीप
जगदीप मोर ने बताया कि वह कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से बीपीएड करने के साथ हरियाणा राज्य की तरफ से हॉकी खेलता था। राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खेलने के चलते वर्ष- 2013 में जूनियर भारतीय हॉकी में उसका चयन हो गया था। लेकिन गांव के पुराने झगड़े का बदला लेने के लिए 2015 में चोपड़ा गैंग ने उसके भाई प्रदीप की हत्या कर दी। बदला लेने के लिए जगदीप अपराध की दुनिया में कूद गया।
पहली बार 2016 में हुआ था गिरफ्तार
2016 में हरियाणा पुलिस ने जगदीप को पहली बार जेल भेजा। वहां उसकी मुलाकात हरियाणा के कुख्यात बदमाश जब्बार गैंग के सरगना से हुई। जेल से बाहर आकर उसने जब्बार गैंग के साथ काम करना शुरू कर दिया। इसके बाद वर्ष- 2017 में हरियाणा के जींद में नरवाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। इस बार जेल से छूटने के बाद जगदीप ने मोर गैंग को दोबारा शुरू किया और खुद सरगना बन गया।
इससे पहले उसका भाई था गिरोह का सरगना
जगदीप से पहले उसका भाई प्रदीप मोर गिरोह का सरगना था। गैंग ने रंगदारी वसूलने और न देने पर गोली मारने की कई वारदात की। गिरोह ने कई वाहन चोरी, लूट, डकैती की वारदात को भी अंजाम दिया। आरोपित जगदीप ने अपने भाई की हत्या का बदला लेकर दुश्मन गैंग चोपड़ा गैंग के कई सदस्यों पर हमला किया। साथ ही जगदीप ने जींद के अलावा हरियाणा के अन्य जिलों में भी वारदात शुरू कर दी। गैंग के सदस्य दिल्ली आकर भी वारदात करते थे। मोर गैंग के अगल-अलग सदस्यों पर करीब दिल्ली हरियाणा के 80 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।
कारतूसों से बनाता था मोर की आकृति
जगदीप दहशत फैलाने के लिए गैंग के सदस्यों के साथ खुलेआम हथियारों के साथ व फायरिंग करते हुए वीडियो बनवाता था और सोशल मीडिया पर वायरल कर देता था। उसने कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए। वह मेज पर कारतूसों को इस तरह रखता करता था जिससे मोर की आकृति बने। इसको वायरल कर वह लोगों में अपने गिरोह के नाम का खौफ पैदा करता था।