Move to Jagran APP

राजनीतिक ठसक और बिगड़ैल स्वभाव का नतीजा था मॉडल जेसिका लाल का मर्डर

मॉडल जेसिका लाल और छात्रा प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड के दोषियों को फिलहाल जेल में ही रहना होगा क्योंकि दिल्ली सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) ने उन दोनों की अपील को ठुकरा दिया।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 01:58 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 09:32 AM (IST)
राजनीतिक ठसक और बिगड़ैल स्वभाव का नतीजा था मॉडल जेसिका लाल का मर्डर
राजनीतिक ठसक और बिगड़ैल स्वभाव का नतीजा था मॉडल जेसिका लाल का मर्डर

नई दिल्ली, जेएनएन। तिहाड़ जेल में बंद मॉडल जेसिका लाल और छात्रा प्रियदर्शनी मट्टू हत्याकांड के दोषी सिद्धार्थ शर्मा उर्फ मनु शर्मा व संतोष सिंह की रिहाई के अनुरोध को दिल्ली सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) ने शुक्रवार को फिर से ठुकरा दिया है। बोर्ड की बैठक में 205 कैदियों की सजा की सजा पर चर्चा हुई। इसमें एक मामले को शामिल नहीं किया गया। 59 दोषियों की रिहाई के अनुरोध को मंजूरी दे दी गई। वहीं 145 कैदियों के अनुरोध को खारिज कर दिया गया। अब मनु शर्मा और संतोष शर्मा की रिहाई के लिए कोर्ट का रास्ता खुला है।

loksabha election banner

तिहाड़ जेल प्रशासन को 205 कैदियों रिहाई के लिए आवेदन दिया था। ये ऐसे कैदी हैं, जिन्होंने सजा की अवधि से ज्यादा समय कैद में बिताए हैं। इनमें ज्यादातर कैदी 20 साल से ज्यादा की सजा काट चुके हैं।

तिहाड़ जेल अधिकारियों के मुताबिक, शुक्रवार दोपहर 2 बजे दिल्ली सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) की बैठक शुरू हुई, जो देर शाम तक चली। बैठक में दिल्ली के गृह मंत्री व बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन, जेल महानिदेशक संदीप गोयल समेत अन्य लोग मौजदू थे। बैठक के दौरान बोर्ड के सभी सदस्यों ने समीक्षा के लिए लाए गए सभी 204 कैदियों की फाइल पर गंभीरता से विचार किया। साथ ही जेल के अंदर उनके आचरण और व्यवहार पर चर्चा की गई।

समीक्षा बैठक में मनु शर्मा और संतोष सिंह के खिलाफ एक बार फिर सदस्यों के विचार आपस में नहीं मिले और अनुरोध को खारिज कर दिया गया। इनके अलावा 143 अन्य कैदियों के नामों पर भी सहमति नहीं बनी। समीक्षा बोर्ड ने 59 दोषियों की रिहाई के अनुरोध को मंजूरी दी है। अब इस फाइल को उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेजा जाएगा। यहां से मंजूरी मिलने के बाद ही सभी 59 कैदियों को जेल से रिहा कर दिया जाएगा।

बिगडै़ल बच्चे थे दोनों
जेसिका लाल के शराब परोसने से मना करने पर मनु शर्मा ने महरौली स्थित रेस्तरां में 30 अप्रैल, 1999 को गोली मारकर हत्या कर दी थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा को दिसंबर 2006 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वहीं, दूसरे मामले में संतोष सिंह प्रियदर्शनी से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। संतोष पूर्व प्रशासनिक अधिकारी का बेटा है। हाई कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन करावास में बदल दिया था।

इससे पहले इस बैठक को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि बोर्ड समीक्षा में जेसिका लाल और प्रियदर्शिनी हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे मनु शर्मा और संतोष सिंह को रिहा किया जा सकता है। मनु शर्मा को छोड़ने को लेकर ज्यादा संभावना जताई जा रही थी, क्योंकि जेसिका लाल की बहन सबरीना लाल एक साल पहले ही कह चुकी हैं कि वह जेल में सुधर गया है तो उन्हें उसे छोड़े जाने पर कोई एतराज नहीं है। 

मिली जानकारी के मुताबिक, जेल प्रशासन ने संतोष सिंह (प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड) और मनु शर्मा (जेसिका लाल हत्याकांड) सहित तकरीबन 200 से ज्यादा कैदियों के भविष्य पर शुक्रवार को होना था। इसी के साथ बुद्धा जयंती पार्क सामूहिक दुष्कर्म का केस भी इसमें शामिल है। संतोष सिंह और मनु शर्मा समेत कई ऐसे सजायाफ्ता भी इसमें शामिल हैं, जिनकी याचिका बोर्ड पिछले साल भी खारिज कर चुका है। 

यहां पर बता दें कि पिछले साल 24 जून को हुई एसआरबी की बैठक में भी प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड के दोषी संतोष सिंह और जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी मनु शर्मा के नाम की चर्चा हुई थी, लेकिन बोर्ड ने इन नामों पर विचार अगली सुनवाई तक के लिए टाल दिया था। 

जेसिका लाल हत्याकांड

बता दें कि 29 अप्रैल, 1999 को पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा ने दक्षिणी दिल्ली के रेस्तरां में 34 वर्षीय मॉडल जेसिका लाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जेसिका द्वारा मनु को शराब परोसने से मना करना हत्या की वजह थी। पकड़े जाने के बाद 21 फरवरी, 2006 को मनु शर्मा कोर्ट से बरी हो गया।

लेकिन देश में हुए विरोध-प्रदर्शन के बाद केस की सुनवाई दोबारा दिल्ली हाईकोर्ट में हुई। फिर उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई, तब से वह जेल में सजा काट रहा है।

इसी साल अप्रैल महीने में जेसिका लाल की हत्या के 19 साल के बाद उनकी बहन सबरीना ने दोषी मनु शर्मा को माफ़ कर दिया था। तब सबरीना के मुताबिक, सिद्धार्थ वशिष्ठ उर्फ मनु शर्मा के तिहाड़ के ओपन जेल में शिफ्ट करने के फैसले पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। सबरीना का कहना है कि उन्होंने अपनी बहन की जान लेने वाले शख़्स को दिल से माफ़ कर दिया है और अगर उसे सज़ा में रियायत मिलती है तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है।

प्रियदर्शनी मट्टू हत्याकांड

दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) की लॉ की छात्रा प्रियदर्शिनी मट्टू के हत्यारे का नाम उस सूची में जोड़ा गया है, जिनकी अच्छे व्यवहार के कारण जेल से समय पूर्व रिहाई हो सकती है। बता दें कि 1996 में प्रियदर्शिनी मट्टू के दुष्कर्म और हत्या के मामले में आईपीएस ऑफिसर के बेटे संतोष सिंह को दोषी ठहराया गया था।

पिछले साल 24 जून को एसआरबी की बैठक के दौरान भी संतोष सिंह और मनु शर्मा का नाम इस लिस्ट में शामिल किया गया था, लेकिन बोर्ड ने इन नामों पर विचार करने के लिए सुनवाई को स्थगित कर दिया था। दोषी संतोष सिंह 2006 से जेल में बंद है। उसे दिल्ली हाईकोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी।

इसके बाद 2010 में हाईकोर्ट ने उसकी सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। गौरतलब है कि 1996 में संतोष सिंह आईपीएस अधिकारी जेपी सिंह के बेटा है। घटना के समय जेपी सिंह दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर थे। जेपी सिंह को थर्ड ईयर की लॉ स्टूडेंट प्रियदर्शिनी मट्टू के दुष्कर्म और हत्या के आरोप गिरफ्तार किया गया था फिर लंबी कानूनी जंग के बाद सजा हुई थी।

जानें कौन-कौन हैं सजा समीक्षा बोर्ड में
दिल्ली के गृह मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति में प्रमुख सचिव (गृह), प्रमुख सचिव (विधि), महानिदेशक (जेल), संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध), मुख्य परिवीक्षा अधिकारी और एक जिला सदस्य, सदस्य के तौर पर शामिल होते हैं।

दिल्ली-एनसीआर की ताजा खबरों को पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.