अब ट्रैक का मरम्मत कार्य भी होगा और ट्रेनें भी दौड़ेंगी
टैम्पिंग प्रक्रिया के तहत स्लीपर के नीचे गिट्टी को दबाकर उसे फिर से व्यवस्थित की जाती है ताकि पटरियां सही स्थिति में रहे।
नई दिल्ली (जेएनएन) । रेल पटरियों की मरम्मत व रखरखाव रेलवे के लिए एक बड़ी चुनौती है। मरम्मत कार्य की वजह से ट्रेनों की आवाजाही भी बाधित होती है। इस समस्या को दूर करने के लिए उत्तर रेलवे ने अपने बेड़े में डायनेमिक टैम्पिंग एक्सप्रेस को शामिल किया है। यह स्लीपर के नीचे गिट्टी बिछाने के लिए अपनी तरह की पहली मशीन है।
सुरक्षित रेल परिचालन के लिए पटरियों को दुरुस्त करने के काम को विशेष महत्व दिया जा रहा है। इसके लिए आधुनिक तकनीक का भी प्रयोग किया जा रहा है। इसी कड़ी में उत्तर रेलवे डायनेमिक टैम्पिंग एक्सप्रेस का प्रयोग करेगा। रेलवे बोर्ड के सदस्य (इंजीनियरिंग) एमके गुप्ता ने हाल ही में उत्तर रेलवे में इसे शामिल किया है।
अधिकारियों ने बताया कि जब कोई ट्रेन पटरियों पर चलती है तो उससे बहुत अधिक बल उत्पन्न होता है ट्रेन की गति के पटरियों पर दबाव भी बढ़ता जाता है। पटरी, स्लीपर और गिट्टी से तैयार रेल मार्ग एक इलास्टिक सिस्टम है जो ट्रेन के गुजर जाने के बाद वापस अपनी पूर्व स्थिति में आ जाता है किंतु समय के साथ और रेल पटरियों पर निरंतर दबाव पडऩे से इसमें खामी आ जाती है।
इसलिए नियमित अंतरालों पर रेल पथ का लेवल बनाए रखने, मिट्टी व गिट्टी बिछाने आदि का काम किया जाता है। नई मशीन से इस काम में तेजी आएगी।
टैम्पिंग प्रक्रिया के तहत स्लीपर के नीचे गिट्टी को दबाकर उसे फिर से व्यवस्थित की जाती है ताकि पटरियां सही स्थिति में रहे। नई मशीन से इस काम में तेजी आएगी। इससे रेल परिचालन में आने वाली बाधा दूर होगी। यह मशीन नवीनतम मापक एवं रिकॉर्डिंग उपकरणों से सुसज्जित है।