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EXCLUSIVE: खनन घोटाले में घिरी SP को भाजपा के खिलाफ मिल गया ये 'बड़ा मुद्दा'

अनाज गुणवत्ता घाेटाले को सपा खनन घाेटाले के जवाब के ताैर पर भी पेश कर रही है। इन अाराेप- प्रत्याराेप से कड़कड़ाती ठंड में प्रदेश का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 01:16 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jan 2019 03:11 PM (IST)
EXCLUSIVE: खनन घोटाले में घिरी SP को भाजपा के खिलाफ मिल गया ये 'बड़ा मुद्दा'
EXCLUSIVE: खनन घोटाले में घिरी SP को भाजपा के खिलाफ मिल गया ये 'बड़ा मुद्दा'

नोएडा [ललित विजय]। लोकसभा चुनाव 2019 कुछ महीने पहले उत्तर प्रदेश में घाेटालाें (खनन और अनाज गुणवत्ता घोटाला) पर राजनीति घमासान प्रारंभ हाे गया हैै। खनन घाेटाले में भारतीय जनता पार्टी  (BJP) की अाेर से सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव काे घेरा जा रहा है ताे समाजवादी पार्टी (SP) अनाज गुणवत्ता घाेटाले पर भाजपा पर निशाना साध रही है। 

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खनन घोटाने में अपने नेता का नाम आने पर अब अनाज गुणवत्ता घाेटाले की अाड़ में सपा ने भाजपा पर ट्वीट हमला किया है। वह इसे खनन घाेटाले के जवाब के ताैर पर भी पेश कर रही है। इन अाराेप- प्रत्याराेप से कड़कड़ाती ठंड में प्रदेश का राजनीतिक तापमान बढ़ गया है।

सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव राय ने अनाज गुणवत्ता घाेटाले पर ट्वीट कर कहा कि सपा किसी घाेटाले (खनन घाेटाले की अाेर इशारा) में शामिल नहीं है। जुमलाें के सरदार ने अपनी डूबती सरकार काे बचाने अाैैर कुकर्माें काे छिपाने के लिए अपने ताेते से बाेलवाना शुरू कर दिया है। जनता इसका जवाब देगी।

उधर, सपा के राष्ट्रीय महासचिव सुरेंद्र नागर का कहना है कि भाजपा के पास अखिलेश यादव पर अंगुली उठाने का नैतिक अाधार नहीं है। जिस पार्टी के कार्यकाल में गरीबाें का अनाज खाया जा रहा है। गरीबाें काे खराब अनाज देने की राह प्रश्सत कर बीमारी के मुंह में धकेलने का काम हाे रहा है, उसे घाेटाले पर बाेलने का अधिकार नहीं है।

वहीं इसके जवाब में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने फाेन पर हुई बातचीत में कहा कि अखिलेश यादव पर अाराेप भाजपा ने नहीं लगाए। खनन घाेटाले में लिप्त अधिकारी से मिले दस्तावेज के अाधार पर वह अाराेपाें के घेरे में अाए हैं। जांच काे गलत दिशा में माेड़ने के लिए सीबीअाइ कार्रवाई काे भाजपा से जाेड़ा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि भाजपा की लाेकप्रियता से घबराकर अखिलेश यादव बसपा मुखिया मायावती के गाेद में बैठ गए हैं। जहां तक बात अनाज गुणवत्ता घाेटाले की है ताे सपा काे ध्यान रखना चाहिए कि इस गड़बड़ी काे नरेंद्र माेदी के नेतृत्व में चल रही केंद्र सरकार के एक मंत्रालय ने ही पकड़ा है, जिसके बाद कार्रवाई भी हाे रही है। भाजपा सरकार किसी भी गड़बड़ी पर चुप नहीं है। विधि संगत कार्रवाई हाे रही है।

यह है अनाज गुणवत्ता घाेटाला

उत्तर प्रदेश में भारतीय खाद्य निगम के उत्तर प्रदेश के 19 जिलाें में स्टॉक हैं। केंद्रीय खाद्य एवं अापूर्ति मंत्रालय की क्वालिटी कंट्राेल टीम ने सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, फैजाबाद, गोरखपुर और आजमगढ़ जिले के स्टॉक से अप्रैल से जुलाई 2018 के बीच बेतरतीब ढंग (रैंडम) से 500 नमूने लिए थे। लैब जांच में इनमें 101 नमूने फेल हाे गए। निगम के स्टॉक में माैजूद गेहूं व चावल गिले, टूटे व स्वास्थय के लिए बेहद खराब पाए गए। इन नमूनाें काे गाेदाम में जिस लॉट से एकत्र किया गया, वहां करीब 163620 कुंतल अनाज हाेने का अनुमान है। जिसकी कीमत अनुमानत: 33 कराेड़ रुपये हैं। जांच में गुणवत्ता से खराब अनाज पाए जाने के बाद मंत्रालय की तरफ से अनाज काे नष्ट करने व जिम्मेदारी अधिकारियाें के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

भारतीय खाद्य निगम के दिल्ली मुख्यालय ने उत्तर प्रदेश का मामला हाेने के कारण नोएडा सेक्टर 24 स्थित भारतीय खाद्य निगम (उत्तर आंचल) के कार्यकारी निदेशक को कार्रवाई के लिए लिखा। मंत्रालय की तरफ से लगातार पत्र व मेल अाने के बाद भी भारतीय खाद्य निगम ने काेई कार्रवाई नहीं की। इस मामले काे दैनिक जागरण ने उजागर किया। जिसके बाद खाद्य निगम के दस अधिकारियाें काे प्रारंभिक ताैर पर दाेषी पाते हुए अाराेप पत्र थमाया गया है। कई अधिकारियाें काे नाेटिस भी दिया गया है। अाराेप पत्र का जवाब अाने के बाद बर्खास्तगी, पदाेन्नति या वेतन कटाैती पर निर्णय हाेगा।  

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